नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को कहा कि राजधानी में दिवाली पर पटाखे चलाने की घटनाओं में पिछले साल की तुलना में इस बार 30 प्रतिशत की कमी आई है और शहर में दिवाली के अगले दिन वायु गुणवत्ता पांच साल बाद सबसे ठीक रही।
राय ने कहा कि मंगलवार को (दिवाली के बाद) वायु गुणवत्ता सूचकांक 323 रहा जबकि पिछले साल यह 462 था जिसका मतलब है कि ‘‘वायु प्रदूषण में 30 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है’’।
मंत्री ने कहा कि 2018 में दिवाली के अगले दिन एक्यूआई 390 रहा था, जो 2019 में 368 और 2020 में 435 था।
उन्होंने आज 150 चलित एंटी-स्मॉग गन की शुरुआत की। इससे संबंधित कार्यक्रम से इतर राय ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘दिल्ली के लोग इस साल दिवाली पर बहुत सतर्क थे। आज प्रदूषण का स्तर पांच साल में सबसे कम है।’’
राय ने कहा कि एंटी-स्मॉग गन उन इलाकों में पानी का छिड़काव करेंगी जहां वायु प्रदूषण ज्यादा है। इस तरह के 10 उपकरण पिछले साल लगाये गये थे।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि इस साल दिवाली पर आतिशबाजी की घटनाओं में 30 प्रतिशत की कमी आई है।
दिल्ली सरकार ने सितंबर में सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, बिक्री और उपयोग पर एक जनवरी तक पूरी तरह रोक लगा दी थी। पिछले दो साल से राजधानी में इस तरह का आदेश जारी किया जा रहा है।
राय ने पिछले सप्ताह कहा था कि दिल्ली में दिवाली पर आतिशबाजी करने पर छह महीने तक का कारावास और 200 रुपये तक जुर्माने की सजा भुगतनी पड़ सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘323 एक्यूआई अभी चिंताजनक है और हमें बताता है कि आने वाले दिनों में कम तापमान के बीच वायु प्रदूषण बढ़ेगा।’’
राय ने दावा किया कि पंजाब सरकार ने केंद्र के समर्थन के बिना राज्य में पराली जलाने के मामलों पर नियंत्रण पाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब में दिवाली वाले दिन (सोमवार को) पराली जलाने की 1,019 घटनाएं सामने आईं जबकि पिछले साल दिवाली पर इनकी संख्या 3,032 थी। दूसरी तरफ हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने के मामले बढ़े हैं।’’
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