संभल (उप्र), 24 दिसंबर संभल जिले के चंदौसी क्षेत्र में 150 साल पुराने बांके बिहारी मंदिर से संबंधित एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए मंगलवार को तहसीलदार जांच के लिए मौके पर पहुंचे।
चंदौसी के तहसीलदार धीरेंद्र सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि गत शनिवार को हुए तहसील दिवस कार्यक्रम में इस बांके बिहारी मंदिर के बारे में जिलाधिकारी के समक्ष शिकायत की गई थी। खंडहर हो चुके इस मंदिर में भगवान शिव के चिन्ह पाए गए थे। दीवारों पर भगवान राम, देवी सीता की मूर्तियां बनी हुई हैं।
उन्होंने कहा कि आज वह इसकी जांच करने आये हैं तथा मंदिर कितना पुराना है और किन परिस्थितियों में यह खंडहर हो गया, इसकी जांच की जाएगी।
सिंह ने कहा, ''यह मंदिर 1.137 हेक्टेयर में फैला हुआ है और अगर यहां अतिक्रमण पाया जाता है, तो उसे तुरंत हटा दिया जाएगा।''
जिलाधिकारी से शिकायत करने वाले कौशल किशोर ने बताया कि समाधान दिवस पर जिलाधिकारी से इस मामले की शिकायत की थी।
उन्होंने बताया कि बांके बिहारी मंदिर की स्थापना वर्ष 1870 में हुई थी तथा यह मंदिर करीब 150 साल पुराना है और लक्ष्मण गंज इलाके में स्थित है।
किशोर ने बताया कि पहले यहां हिंदू आबादी थी लेकिन अतीत में मंदिर के पुजारी की हत्या हो गई थी, इसलिए हिंदू लोगों ने यहां आना बंद कर दिया और यहां से पलायन कर गए।
किशोर ने दावा किया कि मई 2010 में मंदिर में भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों को असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिया और पूरा मंदिर खंडहर में तब्दील हो गया। तत्कालीन सरकार और प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि यह मंदिर हिंदुओं की आस्था का केंद्र है और इस प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार होना चाहिए।
इससे पहले, विगत 13 दिसंबर को संभल के खग्गू सराय इलाके में श्री कार्तिक महादेव मंदिर (भस्म शंकर मंदिर) को फिर से खोल दिया गया था।
अधिकारियों ने कहा था कि अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान उन्हें यह ढका हुआ ढांचा मिला था। साल 1978 से बंद रहे इस मंदिर में भगवान हनुमान की एक मूर्ति और एक शिवलिंग मिला था। मंदिर के पास एक कुआं भी है जिसे अधिकारियों ने फिर से खोलने की योजना बनाई थी।
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