बेंगलुरु, सात दिसंबर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने शनिवार को कहा कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तत्कालीन सरकार के समय कोविड-19 महामारी के दौरान उपकरणों एवं दवाओं की खरीद में कथित अनियमितताओं की जांच करने वाली न्यायमूर्ति माइकल डी कुन्हा आयोग की सिफारिशों पर कार्रवाई करते समय किसी को राजनीतिक रूप से निशाना नहीं बनाया जाएगा।
शिवकुमार ने कहा कि अधिकारियों को ‘‘तथ्यों के आधार पर’’ कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट पर विचार करने, ‘‘मार्गदर्शन और आगे की कार्रवाई करने’’ के लिए आधिकारिक स्तर पर एक अलग समिति बनाई जाएगी, जिसमें कुछ सेवानिवृत्त अधिकारी भी शामिल होंगे।
रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई करने के लिए शिवकुमार की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडलीय उप-समिति की शनिवार को यहां समीक्षा बैठक हुई।
शिवकुमार ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज हमने कैबिनेट उप-समिति की दूसरी बैठक की...हमने केवल समीक्षा की है। हमने अधिकारियों से न्यायमूर्ति माइकल डी कुन्हा आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों और निष्कर्षों के आधार पर कानून के अनुसार कार्रवाई करने के लिए कहा है।’’
उन्होंने कहा कि अधिकारियों पर विभागीय जांच प्रक्रियाओं के अनुसार की जाएगी।
शिवकुमार ने कहा, ‘‘न्यायमूर्ति कुन्हा ने कुछ लोगों के खिलाफ आपराधिक जांच की भी सिफारिश की है, वह भी अलग से की जाएगी... कानूनी तौर पर जो भी करना होगा - जैसे प्राथमिकी दर्ज करना या अनुशासनात्मक कार्रवाई करना या कुछ और, वह कानून के अनुसार किया जाएगा।’’
उप-समिति बेलगावी में एक बार फिर बैठक करेगी और जांच में प्रगति की समीक्षा करेगी।
शिवकुमार ने कहा, ‘‘कैबिनेट उप-समिति सीधे तौर पर इसमें शामिल नहीं होगी। जो भी प्रक्रिया होगी, अधिकारी उसे स्वयं करेंगे... हम (सरकार) किसी को निशाना बनाने की कोशिश नहीं करेंगे, लेकिन हम रिपोर्ट में जो कुछ भी है, उसे दबा नहीं सकते या रिपोर्ट को बंद नहीं कर सकते...हमने अधिकारियों से तथ्यों के आधार पर कार्रवाई करने को कहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम समिति की सिफारिशों पर विचार कर रहे हैं। अधिकारियों को अधिकार दिए गए हैं और वे अपना कर्तव्य निभाएंगे।’’
न्यायमूर्ति माइकल डी कुन्हा ने प्रारंभिक रिपोर्ट 31 अगस्त को सौंपी थी। इसके बाद सरकार ने रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई करने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) और एक कैबिनेट उप-समिति गठित करने का फैसला किया।
एसआईटी के गठन के बारे में पूछे गए सवाल पर शिवकुमार ने कहा, ‘‘आपको पता चल जाएगा। यह प्रक्रिया में है।’’
उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने मई 2021 में चामराजनगर के कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण कई लोगों की मौत के मामले में एक रिपोर्ट को खारिज कर दिया है और ‘‘हमें इस पर फिर से विचार करना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार उस रिपोर्ट से सहमत नहीं है जिसमें कहा गया है कि चामराजनगर अस्पताल में 36 लोगों की मौत के मामले में कुछ भी संदिग्ध नहीं था। हमें इस पर फिर से विचार करना होगा। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और मैंने वहां की स्थिति का आकलन किया था। हम तब 36 पीड़ितों के घर भी गए थे लेकिन तत्कालीन मंत्री (भाजपा सरकार) ने कहा था कि ऑक्सीजन की कमी के कारण केवल तीन लोगों की मौत हुई।’’
स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने पिछले महीने कहा था कि आयोग ने तत्कालीन मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और पूर्व मंत्री बी श्रीरामुलु के खिलाफ मुकदमा चलाने की सिफारिश की है।
यह पूछे जाने पर कि क्या रिपोर्ट में येदियुरप्पा और श्रीरामुलु के अलावा अन्य नाम भी हैं, शिवकुमार ने कहा, ‘‘मैं किसी नाम का खुलासा नहीं करना चाहता...अधिकारी इसकी जांच करेंगे, हम नहीं।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)