तिरुवनतंपुरम, 24 जनवरी केरल में अपने ही नाबालिग बेटे का कथित यौन उत्पीड़न करने के आरोपों का सामना कर रही 35 वर्षीय महिला ने खुद को बेगुनाह बताया है।
महिला ने कहा कि यह आरोप अलग हो चुके पति और उसकी दूसरी पत्नी ने लगाया है।
चेहरा ढक कर मीडिया के सामने आई महिला ने कहा, ‘‘सच सामने आएगा। बेटे को उसके पिता ने मेरे खिलाफ बयान देने के लिए धमकाया था। यह मामला झूठा है।’’
उल्लेखनीय है कि महिला को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम (पॉक्सो) के तहत गिरफ्तार किया गया था और केरल उच्च न्यायालय ने उसे जमानत दी है।
अदालत ने टिप्पणी की कि आरोपी महिला के खिलाफ गंभीर आरोप हैं जो पहले संभवत: नहीं सुने गये। अदालत ने इसके साथ ही राज्य पुलिस को संभव हो सके तो महिला आईपीएस अधिकारी के नेतृत्व में विशेष टीम गठित कर जांच कराने का निर्देश दिया।
कडक्कावूर के नजदीक रहने वाली महिला को गत वर्ष 28 दिसंबर को बच्चे का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। महिला पर आरोप है कि उसने 10 साल की उम्र से दिसंबर 2019 तक बेटे का यौन उत्पीड़न तब तक किया जब तक कि वह शारजाह पिता के पास नहीं चला गया।
बच्चे की कांउसलिंग करने वाले बाल कल्याण समिति के अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर महिला के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
महिला का आरोप है कि उसके खिलाफ पॉक्सो के तहत मामला पिता द्वारा बदले की कार्रवाई के तहत दर्ज कराया गया क्योंकि उसने पारिवार अदालत में अपने चार बच्चों का संरक्षण और गुजारे भत्ते के लिए वाद दाखिल किया है।
महिला ने कहा, ‘‘ मैं निर्दोष हूं। सच सामने आएगा। मेरा बेटा कभी ऐसी शिकायत नहीं कर सकता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे मामले की विस्तृत जानकारी नहीं थी और पुलिस थाने में ही मामले की जानकारी मिली।’’
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