एपी ने बुधवार को यह जानकारी दी। रिपोर्टिंग यात्रा कर घर लौटने के बाद 28 नवंबर को आमिर अमन कियारो को देश की नयी युद्ध-संबंधी आपातकालीन शक्तियों के तहत हिरासत में लिया गया है। अभी उन्हें आरोपित नहीं किया गया है।
इथियोपिया के मीडिया प्राधिकरण, प्रधानमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्रालय और अन्य सरकारी कार्यालयों के अधिकारियों ने कियारो को हिरासत में लिए जाने के बाद उसके संबंध में जानकारी मांगने के एपी के लगातार अनुरोध का कोई जवाब नहीं दिया।
सरकारी मीडिया ने बुधवार को संघीय पुलिस का हवाला देते हुए उनकी हिरासत की सूचना दी और कहा कि उन पर एक आतंकवादी समूह का साक्षात्कार लेकर उसके ‘‘उद्देश्यों की पूर्ति’’ करने का आरोप है। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानीय पत्रकार थॉमस एंगिडा और अदिसु मुलुनेह को भी हिरासत में लिया गया है।
संघीय पुलिस निरीक्षक टेस्फाये ओलानी ने सरकारी मीडिया को बताया कि पत्रकारों ने आपातकालीन कानून और इथियोपिया के आतंकवाद विरोधी कानून का उल्लंघन किया और जिसके लिए उन्हें सात से 15 साल तक की जेल हो सकती है।
एक बयान में एपी की कार्यकारी संपादक जूली पेस ने आग्रह किया कि कियारो को मुक्त किया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘एसोसिएटेड प्रेस बेहद चिंतित है कि उसके स्वतंत्र पत्रकार आमिर अमन कियारो को इथियोपिया सरकार ने हिरासत में लिया है, उन पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है, जो निराधार है। कियारो एक स्वतंत्र पत्रकार हैं जिन्होंने इथियोपिया में संघर्ष के सभी पक्षों पर महत्वपूर्ण काम किया है। हम इथियोपिया सरकार से कियारो को तुरंत रिहा करने का आह्वान करते हैं।’’
इथियोपिया की सरकार ने नवंबर में आपातकाल की घोषणा की थी।
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