थाना प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) सच्चिदानंद पांडेय ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी की जांच रिपोर्ट और पीड़ित पक्ष के अंकित कनौजिया की तहरीर के आधार पर दो फर्जी डॉक्टरों-- विनय कुमार पांडेय और शिव बहादुर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 304 ए (लापरवाही से मौत), 420 (धोखाधड़ी), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और अनुसूचित जाति/ जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत 25 जून को मुकदमा दर्ज किया गया।
उन्होंने बताया कि दोनों फर्जी डाक्टर अस्पताल बंद कर फरार हैं जिनकी गिरफ्तारी का प्रयास किये जा रहे हैं।
भदोही के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) संतोष कुमार चक ने बताया कि औराई थाने के विक्रमपुर निवासी अंकित कन्नौजिया ने एक शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया कि उसने पड़ाव स्थित उपहार अस्पताल में 23 अप्रैल को अपनी भाभी आंचल (23) को प्रसव के लिए भर्ती कराया जहां डाक्टर विनय कुमार पांडेय और डाक्टर शिव बहादुर ने आपरेशन करने के लिए उससे 50 हजार रुपये लिये।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसके बाद डॉक्टरों ने एक ‘इंजेक्शन’ लगाया जिसके कुछ ही देर बाद आंचल और उसके गर्भ में पल रहे शिशु की मौत हो गयी। कन्नौजिया का आरोप है कि फिर दोनों डाक्टर ये कहते हुए वहां भाग गए कि यहां ऑक्सीजन नहीं है, इसे कहीं और ले जाओ।
सीएमओ ने बताया कि इस मामले की जांच अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ए के मौर्य से कराई गई जिसमें अस्पताल का स्वास्थ्य विभाग में कोई पंजीकरण नहीं पाया गया।
चक ने बताया कि गर्भवती महिला के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि बेहोश करने का गलत इंजेक्शन लगने से मां और नौ माह के गर्भस्थ शिशु की मौत हो गयी तथा यह कि दोनों डॉक्टरों की डिग्री भी फर्जी है।
एसएचओ ने कहा कि जल्द ही दोनों आरोपी गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।
सं आनन्द
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