देश की खबरें | कोलकाता में 90 पूजा समितियों ने लिया ‘कार्निवल’ में हिस्सा, कनिष्ठ चिकित्सकों ने भी रैली निकाली

कोलकाता, 15 अक्टूबर नब्बे से अधिक पुरस्कार विजेता दुर्गा पूजा समितियों ने मंगलवार शाम यहां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कई राजदूतों की मौजूदगी में रेड रोड पर निकाली गयी झांकी में देवी की मूर्तियां प्रदर्शित कीं।

राज्य सरकार द्वारा आयोजित ‘दुर्गा पूजा कार्निवल’ एस्प्लेनेड इलाके में रानी रासमणि रोड पर प्रदर्शनकारी चिकित्सकों के ‘द्रोह कार्निवल’ के साथ-साथ हुआ। ये चिकित्सक आर जी कर घटना के सिलसिले में इंसाफ की मांग कर रहे थे।

बंगाल की सांस्कृतिक धरोहर से लेकर महिला सशक्तीकरण, स्वतंत्रता आंदोलन, सांप्रदायिक सद्भाव, समर्पण तक विभिन्न विषयों को पेश करते हुए झांकियों ने शहर के मध्य में एक किलोमीटर से अधिक दूरी तय की।

‘दुर्गा पूजा कार्निवल’ 2016 से ही हर साल मनाया जाता है। यूनेस्को ने 2021 में बंगाल की दुर्गा पूजा को ‘अमूर्त धरोहर’ का दर्जा दिया था, जिससे राज्य का सबसे बड़ा त्योहार वैश्विक मंच पर पहुंच गया।

फॉरवर्ड क्लब, संतोषपुर ट्राइकोन पार्क, चेतला अग्रणी, सुरुचि संघ, बालीगंज कल्चरल एसोसिएशन, बेहाला नूतन दल, अहिरीटोला सर्बोजनिन, चलताबागान सर्बोजनिन, त्रिधारा, श्रीभूमि स्पोर्टिंग, हातिबगान सर्बोजनिन समेत 90 पूजा समितियां इस कार्निवल का हिस्सा रहीं।

मुख्यमंत्री अपनी मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ इस कार्यक्रम में मौजूद थीं। अन्य लोगों में विभिन्न देशों के राजदूत, फिल्मी सितारें एवं अन्य क्षेत्रों की जानी मानी हस्तियां शामिल थीं।

हजारों लोग इस कार्यक्रम को देखने पहुंचे और उन्होंने कलाकृतियों का निहारा।

इस दौरान बड़ी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों की पैनी नजर कार्निवल मार्ग पर थी। ड्रोन भी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस्तेमाल किये गये।

वहीं, आंदोलनकारी जूनियर चिकित्सकों ने मंगलवार को कोलकाता के एस्प्लेनेड इलाके में रानी रासमणि रोड से अपना 'द्रोह कार्निवल' शुरू किया।

यह कदम कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा यहां रेड रोड पर दुर्गा पूजा कार्निवल के आसपास के इलाकों में निषेधाज्ञा को हटाने के कुछ ही देर बाद उठाया गया।

चिकित्सकों की इस रैली में समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने हिस्सा लिया। ये चिकित्सक आरजी कर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में एक चिकित्सक की बलात्कार के बाद हत्या के मामले में इंसाफ की मांग कर रहे हैं।

देबाशीष हलदर नामक एक प्रदर्शनकारी चिकित्सक ने कहा, ‘‘यह आम लोगों की प्रतिक्रिया है जो पश्चिम बंगाल सरकार के असंवेदनशील रवैये के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन करना चाहते हैं। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस बात की कोई चिंता नहीं है कि युवा चिकित्सक आमरण अनशन पर हैं।’’

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