Farmers' Tractor Rally: दिल्ली हिंसा में 86 पुलिसकर्मी घायल, अलग- अलग पुलिस स्टेशनों में कई FIR दर्ज

\दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों ने ‘ट्रैक्टर परेड’ के लिए जिन शर्तों पर पहले बनी सहमति बनी थी, उनका उल्लंघन किया। उन्होंने हिंसा और तोड़फोड़ की, जिसमें कम से कम 86 पुलिसकर्मी घायल हो गये।

दिल्ली हिंसा (Photo Credits: IANS)

नई  दिल्ली: पुलिस ने मंगलवार को कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों ने ‘ट्रैक्टर परेड’ के लिए जिन शर्तों पर पहले बनी सहमति बनी थी, उनका उल्लंघन किया. उन्होंने हिंसा और तोड़फोड़ की, जिसमें कम से कम 86 पुलिसकर्मी घायल हो गये. राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान झड़पें देखने को मिली.  किसानों ने केंद्र के नये कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए यह परेड निकाली थी, जिसके लिए दिल्ली पुलिस ने कुछ मार्ग निर्धारित किये थे. दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी ईश सिंघल ने कहा, ‘‘प्रदर्शनकारियों ने रैली के लिए निर्धारित शर्तों का उल्लंघन किया. किसानों ने निर्धारित समय से काफी पहले ही ट्रैक्टर रैली शुरू कर दी.  उन्होंने हिंसा और तोड़फोड़ की.

सिंघल ने कहा, ‘‘हमने वादे के अनुरूप सभी शर्तों का पालन किया और अपने सभी प्रयास किए, लेकिन प्रदर्शन में सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है. प्रदर्शन के दौरान कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं. संयुक्त पुलिस आयुक्त आलोक कुमार ने कहा कि किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान आज पुलिसकर्मियों पर हमले करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. यह भी पढ़े: Farmers’ Tractor Rally: दिल्ली हिंसा के बाद राजनीति गरमाई, महाराष्ट्र के नेताओं ने कहा- मोदी सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी में हुई फेल

दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त प्रवक्ता अनिल मित्तल ने कहा कि झड़पों में कुल 86 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें लाल किला और पूर्वी जिले में हुई घटनाएं भी शामिल हैं।अधिकारियों ने बताया कि अतिरिक्त डीसीपी (पूर्वी) मंजीत उस समय बाल-बाल बच गये जब कुछ किसानों ने उन्हें अपने ट्रैक्टर से धक्का मारने की कोशिश की लेकिन उन्हें कोई चोट नहीं आई

झड़पों के बाद पुलिसकर्मियों सहित घायलों को लोकनायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘उनमें से कुछ को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई। उनमें से अभी करीब 22 लोग भर्ती हैं जिनमें एक थाना प्रभारी (एसएचओ) और 10 अन्य पुलिसकर्मी शामिल हैं. ’’चोटों के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने बताया कि इन लोगों के पैर और हाथ में फ्रैक्चर हैं तथा कटने के भी जख्म हैं.

लाठी-डंडा, तिरंगा और अपनी यूनियनों के झंडे लिए हजारों किसानों ने ट्रैक्टरों से अवरोधकों को तोड़ दिया। वे पुलिस से भिड़ गए और विभिन्न स्थानों से दिल्ली के भीतर घुस गए.आईटीओ पर लाठी-डंडा लिए सैकड़ों किसान पुलिस का पीछा करते देखे गए और उन्होंने वहां खड़ी बसों को अपने ट्रैक्टरों से टक्कर मारी। एक प्रदर्शनकारी की तब मौत हो गई जब उसका ट्रैक्टर पलट गया.आईटीओ युद्धक्षेत्र में तब्दील नजर आया.वहां सड़कों पर ईंट-पत्थर बिखरे नजर आए.

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