55 देशों ने इंटरनेट के भविष्य को लेकर घोषणा की शुरुआत की, अमेरिका ने कहा-भारत के लिए दरवाजे खुले
White House (Photo Credits: wikimedia commons)

वाशिंगटन, 29 अप्रैल : व्हाइट हाउस (White House) ने बृहस्पतिवार को कहा कि 55 से अधिक देशों ने इंटरनेट के भविष्य के लिए एक घोषणा की शुरुआत की है और भारत जैसे देशों के लिए इसके दरवाजे अब भी खुले हैं जो इसमें शामिल नहीं हुए हैं. व्हाइट हाउस ने कहा कि इंटरनेट के भविष्य के लिए घोषणा उस डिजिटल निरंकुशता की बढ़ती प्रवृत्ति के संबंध में प्रतिक्रिया है, जिसमें विश्वसनीय समाचार साइट को अवरुद्ध करने और यूक्रेन पर आक्रमण के दौरान दुष्प्रचार को बढ़ावा देने के लिए रूस की कार्रवाई शामिल है.

उसने कहा, ‘‘यह घोषणा इंटरनेट और डिजिटल प्रौद्योगिकियों के लिए एक सकारात्मक दृष्टि को आगे बढ़ाने की खातिर भागीदारों के बीच राजनीतिक प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करती है. यह 21 वीं शताब्दी द्वारा प्रस्तुत वैश्विक अवसरों और चुनौतियों के सामने इंटरनेट के वादे पर पुनः जोर देती है.’’ व्हाइट हाउस ने कहा, ‘‘यह एक ऐसे वैश्विक इंटरनेट के लिए भागीदारों की पुन: पुष्टि और प्रतिबद्धता भी जताती है - जो वास्तव में खुला है और प्रतिस्पर्धा, गोपनीयता और मानवाधिकारों के सम्मान को बढ़ावा देता है.’’ इसने इस घोषणा का समर्थन करने वाले देशों की सूची भी जारी की. यह भी पढ़ें : पाकिस्तान चुनाव आयोग ने ‘प्लांटेड एजेंट’ कहने पर इमरान के भाषण का रिकॉर्ड तलब किया

घोषणा का समर्थन करने वालों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, कनाडा, डेनमार्क, यूरोपीय आयोग, फ्रांस, जर्मनी, यूनान, हंगरी, आयरलैंड, इज़राइल, इटली, जापान, केन्या, मालदीव, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, पेरू, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, सेनेगल, सर्बिया, स्पेन, स्वीडन, ताइवान, त्रिनिदाद और टोबैगो, ब्रिटेन, यूक्रेन और उरुग्वे शामिल हैं. प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की कि भारत अभी तक इस घोषणा का हिस्सा नहीं है. भारत के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा, ‘‘उम्मीद कायम है और भारत के शामिल होने के लिए समय अभी बीता नहीं है. हालांकि हम इन सभी देशों को शामिल करने के लिए बहुत गहन प्रयास कर रहे हैं.’’