
नयी दिल्ली, 27 मार्च पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा को बताया कि 2021 से 2025 के बीच केरल में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में अनुमानित 344 लोगों की जान चली गई।
प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्होंने बताया कि 180 मौतें सांप के काटने से, 103 मौत हाथियों के हमले में और 35 मौत जंगली सूअरों के हमले में हुईं। ‘‘बाघों के हमले में चार लोगों की जान गई।’’
यादव ने कहा, ‘‘हमें मानव जीवन और पर्यावरण की सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखना होगा।’’
उन्होंने बताया, ‘‘हम कोयंबटूर में सलीम अली पक्षी विज्ञान और प्राकृतिक इतिहास केंद्र को मानव-पशु संघर्ष पर एक वैज्ञानिक केंद्र के रूप में विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं। हम हाथियों के गलियारों की भी पहचान कर रहे हैं और स्थानीय स्तर पर जागरूकता पैदा कर रहे हैं। हम रेलवे के साथ हाथियों के मार्गों की पहचान करने के लिए भी काम कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि 58 बाघ अभयारण्य क्षेत्र हैं।
यादव ने कहा कि केंद्र ने राज्य सरकार को सूचित किया है कि केरल में जंगली सूअरों को मारने और प्रभावित क्षेत्रों में इस समस्या को खत्म करने के लिए ग्राम पंचायतों को अधिकार दिए गए हैं।
उन्होंने पल्लकड़ जिले में जंगली सूअरों को मारने वाली पंचायतों के मामलों का हवाला देते हुए कहा कि केरल के सांसदों ने उनसे मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने इस साल फरवरी में वायनाड का दौरा किया ताकि क्षेत्र में मानव-पशु संघर्ष को समझा जा सके।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)