अली येरलिकाया ने कहा कि संदिग्धों को 32 प्रांतों में हिरासत में लिया गया था, लेकिन उनमें से अधिकांश तुर्किये के तीन सबसे बड़े शहरों, इस्तांबुल, अंकारा और इजमिर में थे।
इस अभियान को कूट नाम “हीरोज 34” दिया गया। येरलिकाया ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि इस अभियान को पुलिस, खुफिया इकाई और आतंकवाद विरोधी दस्तों द्वारा संयुक्त रूप से अंजाम दिया गया।
संदिग्धों की राष्ट्रीयता के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।
आतंकवादी समूह ने तुर्की में कई घातक हमलों को अंजाम दिया है, जिसमें एक जनवरी, 2017 को इस्तांबुल नाइट क्लब में की गई गोलीबारी भी शामिल है जिसमें नए साल के जश्न के दौरान 39 लोग मारे गए थे।
यह स्पष्ट नहीं है कि नवीनतम अभियान नए साल के जश्न से पहले सुरक्षा अभियान का हिस्सा था या नहीं।
येरलिकाया ने कहा, “हमारे प्यारे राष्ट्र की शांति, एकता और एकजुटता की खातिर आतंकवादियों को कोई राहत नहीं दी जाएगी। हमारे सुरक्षा बल के बेहतर प्रयासों से हमारी लड़ाई निर्बाध रूप से जारी रहेगी।”
उनके मंत्रालय ने ‘एक्स’ पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें छापे की तस्वीरें दिखाई गईं, जिसमें आतंकवाद विरोधी पुलिस द्वारा दरवाजे तोड़ना, संदिग्धों को हथकड़ी लगाना और उन्हें पुलिस वाहनों में ले जाना शामिल है।
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