देश की खबरें | डेंगू की रोकथाम और जागरूकता के लिए 24 घंटे संचालित होने वाली हेल्पलाइन शुरू की जाए: नड्डा

नयी दिल्ली, 10 जुलाई केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने अधिकारियों को डेंगू रोकथाम और जागरूकता के लिए 24 घंटे संचालित रहने वाली हेल्पलाइन शुरू करने का निर्देश देते हुए बुधवार को कहा कि जिन राज्यों और क्षेत्रों में इस मच्छर जनित रोग के मामले बार-बार सामने आते हैं, वहां अधिक ध्यान देने की जरूरत है।

नड्डा ने मानसून की शुरुआत और डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर डेंगू की स्थिति और उसकी रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारी की स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।

स्वास्थ्य मंत्री ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और केंद्र सरकार के सभी अस्पतालों को विशिष्ट डेंगू वार्ड बनाने का निर्देश दिया, जो पूरी तरह से प्रशिक्षित कर्मियों, दवाओं और इससे संबंधित अन्य संचालन व्यवस्था से सुसज्जित हों। उन्हें अपनी नैदानिक ​​सुविधाओं का सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए एक ‘रेफरल’ प्रणाली बनाने का भी निर्देश दिया गया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान के अनुसार, नड्डा को देश भर में डेंगू की स्थिति और मंत्रालय की तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें यह बताया गया कि केंद्रित, समयबद्ध और सहयोगात्मक गतिविधियों के परिणामस्वरूप डेंगू से होने वाली मृत्यु दर 3.3 प्रतिशत (1996) से घटकर 2024 में 0.1 प्रतिशत हो गई है।

विज्ञप्ति में कहा गया कि मानसून की शुरुआत से उत्पन्न चुनौती और बरसात के मौसम के दौरान डेंगू के मामलों की बढ़ती संख्या के खतरे को रेखांकित करते हुए नड्डा ने डेंगू के खिलाफ तैयार रहने के महत्व पर बल दिया।

उन्होंने अधिकारियों को डेंगू के खिलाफ रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन संबंधी कदमों को मजबूत करने और इससे लड़ने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया।

नड्डा ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे मुख्य रूप से उन राज्यों और क्षेत्रों पर अपना ध्यान केंद्रित करें, जहां से अकसर डेंगू के प्रकोप की खबर आती हैं। उन्होंने अधिकारियों से डेंगू की रोकथाम पर ठोस परिणाम लाने के लिए राज्यों के साथ सक्रिय रूप से काम करने का आग्रह किया।

उन्होंने डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण के लिए उनकी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों पर संवेदनशीलता के लिए, विशेष रूप से, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, नगर निगमों और स्थानीय स्वशासन निकायों को शामिल करते हुए अंतर-मंत्रालयी बैठक पर जोर दिया।

नड्डा ने कहा कि केंद्र डेंगू गतिविधियों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए समय पर कार्रवाई करने के लिए राज्यों के साथ सक्रिय रूप से संवाद कर रहा है।

मंत्री ने कहा कि डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण पर हितधारकों तथा मंत्रालयों को उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक करने के लिए विभिन्न सेक्टरों के बीच बैठकें आयोजित की गई हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार लंबे समय से तकनीकी और बजटीय समर्थन प्रदान कर रही है, जिसके परिणामस्वरूप आने वाले वर्षों में ये गतिविधियां और मजबूत होंगी।’’

नड्डा ने संचार और जागरूकता बढ़ाने की गतिविधियों के महत्व पर रोशनी डालते हुए कहा कि ‘एडीस’ मच्छर जो आमतौर पर दिन में काटता है, के बारे में स्कूल जाने वाले बच्चों और अन्य लोगों के बीच ऐसे कपड़े पहनने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए, जो शरीर को पूरी तरह से ढककर रखें।

इसके तहत पानी के पात्रों आदि को ठहरे हुए पानी से मुक्त रखने का काम बड़े पैमाने पर किया जाएगा। देशभर में टीवी, रेडियो, सोशल मीडिया आदि मंचों के माध्यम से जागरूकता के लिए एक राष्ट्रव्यापी सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) अभियान भी चलाया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को डेंगू की रोकथाम और जागरूकता के लिए 24 घंटे संचालित होने वाली केंद्रीय हेल्पलाइन शुरू करने और लक्षणों, उपचार प्रोटोकॉल तथा आपातकालीन स्थिति के दौरान सहायता देने के निर्देश दिए। राज्यों को भी इसी तरह के हेल्पलाइन नंबर शुरू करने की सलाह दी गई।

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) डॉ. अतुल गोयल ने डेंगू के प्रकोप को रोकने के लिए राज्यों में नगर निकायों को संवेदनशील बनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने इमारतों को मच्छरों के प्रजनन से बचाने के लिए कूलर और टैंकों को साफ-सुथरा रखने का भी सुझाव दिया।

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