भोपाल, 22 मई मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को दावा किया है कि प्रदेश में प्रतिदिन 21 लाख लोगों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत रोजगार मिल रहा है, जो पिछले साल के मुकाबले 10 लाख ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि जब कोरोना वायरस से आर्थिक गतिविधिया बंद हो गई हैं, उस वक्त मनरेगा मजदूरों का सहारा बन गई है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 'सबको मिलेगा रोजगार'' के तहत मनरेगा रोजगार कार्ड वितरण अभियान का शुभारंभ करते हुए चौहान ने प्रदेश के सरपंचों से कहा, ''कोरोना वायरस ने रोजगार छीन लिया। आर्थिक गतिविधिया बंद हो गई। रोजी-रोटी का बड़ा संकट पैदा हो गया। और इसलिए हमने तय किया कि तेजी से अब आर्थिक गतिविधियां चालू करनी हैं।''
उन्होंने कहा, ''ऐसे समय में मनरेगा मजदूरों का सहारा बन गई है। मनरेगा में मजदूरों को काम मिला है और उनके लिये रोजी-रोटी की पुख्ता व्यवस्था हुई है।''
उन्होंने कहा, ''मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को फिर धन्यवाद दूंगा कि उन्होंने मनरेगा योजना के अंतर्गत राशि को कोटा बढ़ा दिया। इसलिए अब हम ज्यादा मजदूरों को रोजगार दे सकते हैं।''
चौहान ने बताया कि अभी अप्रैल से मई तक हमने प्रदेश के जरूरतमंदों को 1,111 करोड़ रूपये के आसपास की सामग्री एवं राशि बांटी है, जिसमें 700 करोड़ रूपये केवल मजदूरी है जो मजदूरों के खाते में गई है।
उन्होंने कहा कि हमने व्यापक पैमाने पर मनरेगा का काम चालू किया है। प्रदेश में करीब 23000 के आसपास पंचायतें हैं और अपवाद छोड़कर सभी पंचायतों में काम चल रहे हैं।
उन्होंने कहा, ''मध्यप्रदेश में आज लगभग 21 लाख मजदूरों को रोज रोजगार मिल रहा है। पिछले साल से 10 लाख से ज्यादा को मिल रहा है।''
चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में गत वर्ष करीब 11 लाख श्रमिकों को ही मनरेगा के तहत
प्रतिदिन कार्य मिला था।
उन्होंने कहा कि लेकिन इसके लिए रोजगार कार्ड जरूरी है। जो हमारे भाई—बहन दूसरे राज्यों से आये हैं, उनके रोजगार कार्ड तत्काल बनाना है और उनको भी काम पर लगाना है।
चौहान ने कहा कि आज से हमने इस अभियान का नाम 'श्रम सिद्धि अभियान' दिया है। जिससे श्रम प्राप्त होगा, काम प्राप्त होगा। सरपंचों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि साथियों, सबके रोजगार कार्ड बनाना है, ताकि कम से कम मनरेगा की मजदूरी तो जरूरतमंदों को मिल जाये।
उन्होंने कहा कि इसके लिए सर्वे का काम घर—घर शुरू हो रहा है। हमारा अमला सर्वे के काम में लगेगा और जिनके पास रोजगार कार्ड नहीं है उनका कार्ड बनाऐंगे और जिनके पास काम नहीं है उनको काम देंगे।
चौहान ने बताया कि चाहे कुशल मजदूर हो या अकुशल मजदूर, सभी जरूरतमंदों को काम दिया जाएगा। कोई बेरोजगार न रहे, हर एक को राशन देंगे और कोई भूखा न सोये इसकी शुरूआत हुई है।
उन्होंने कहा कि मनरेगा के लिए बाहर से आने वाले लोगों के भी रोजगार कार्ड बनाये जाएंगे, ताकि उन्हें भी मनरेगा के तहत काम मिल सके।
रावत
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)