मुंबई, 23 दिसंबर महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार ने कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण के बड़े अभियान के लिए 16,000 चिकित्सा कर्मियों को प्रशिक्षित करके शुरुआती चरण का काम पूरा कर लिया गया है और टीका उपलब्ध होने पर इसे लोगों को दो खुराक में दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन (रूप) को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है और बेहद संक्रामक बताए जाने वाले इस वायरस के स्वरूप का पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान अध्ययन कर रहा है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए अभी जिन दवाओं का इस्तेमाल हो रहा है, उन्हीं का उपयोग कोरोना वायरस के नए प्रकार पर भी किया जाएगा।
टोपे ने कहा कि राज्य सरकार ने उभरती स्थिति से निपटने के वास्ते ब्रिटेन से लौट रहे यात्रियों के लिए अनिवार्य सांस्थानिक पृथकवास समेत शहरों में रात में कर्फ्यू लागू करने जैसे कदम उठाए हैं।
कोविड-19 का टीका लेने के लिए जो लोग पंजीकरण कराएंगे, उन्हें दो खुराक लेना होगा। भारत बायोटेक और पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने व्यापक स्तर पर टीके के वितरण के लिए अनुमति मांगी है।
मंत्री ने कहा, ‘‘इस संबंध में निर्णय केंद्र सरकार लेगी। जैसे ही अनुमति हासिल होगी, कंपनियों को उनके टीके के वितरण के लिये राज्य आवंटित किये जाएंगे।’’
उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान के लिए महाराष्ट्र में सभी संबंधित जरूरतें पूरी कर ली गई हैं। राज्य कोरोना वायरस से बेहद प्रभावित है, यहां अब तक 19 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं।
महाराष्ट्र सरकार 16,000 चिकित्साकर्मियों को व्यापक स्तर पर टीकाकरण के लिए प्रशिक्षित करके प्रारंभिक चरण का काम पूरा कर चुकी है।
टोपे ने कहा, ‘‘जैसे ही केंद्र सरकार से अनुमति मिलती है, वे टीकाकरण अभियान के लिए तैयार हैं। टीके को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने, खुराकों को रखने के लिए कोल्ड चेन तैयार कर लिए गए हैं। जहां कहीं भी खामी मिलेगी, केंद्र सरकार ने राज्य को मदद देने का आश्वासन दिया है।’’
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