मुंबई, छह अक्टूबर अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले पर एम्स की रिपोर्ट के बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मंगलवार को उन लोगों से माफी की मांग की जिन्होंने इस मामले पर राज्य को "बदनाम" किया है।
यहां पत्रकारों से बात करते हुए देशमुख ने अभिनेता की मौत के सिलसिले में एक अमेरिकी विश्वविद्यालय के अध्ययन का हवाला दिया और दावा किया कि उसकी रिपोर्ट से पता चलता है कि साजिश के कोण को भड़काने में भाजपा का हाथ है।
यह भी पढ़े | Power Supply Crisis in Uttar Pradesh: यूपी की योगी सरकार ने 15 जनवरी तक टाला बिजली के निजीकरण का फैसला.
भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने देशमुख की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए जानना चाहा कि राकांपा के मंत्री इतनी जल्दी क्यों प्रतिक्रिया दे रहे हैं, जबकि एम्स की रिपोर्ट पर सीबीआई ने अबतक कुछ नहीं कहा है।
दरअसल, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सा बोर्ड ने पिछले सप्ताह एक रिपोर्ट में राजपूत की हत्या किए जाने से इनकार किया है और इसे " लटकने और खुदकुशी से मौत होने का मामला" बताया है।
राजपूत (34) 14 जून को अपने बांद्रा स्थित फ्लैट में फंदे से लटके मिले थे।
मुंबई पुलिस ने मामले की शुरुआती जांच की थी लेकिन उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अगस्त में मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी।
देशमुख ने बिहार चुनाव के लिए भाजपा के प्रभारी देवेंद्र फडणवीस से पूछा कि क्या वह बिहार के पूर्व पुलिस प्रमुख और जदयू नेता गुप्तेश्वर पांडे के लिए भी प्रचार करेंगे जिन्होंने इस मामले को लेकर महाराष्ट्र और मुंबई पुलिस को "बदनाम" किया था।
सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्त लेने के बाद पांडे पिछले महीने जदयू में शामिल हो गए थे। इस बात की अटकलें हैं कि वह बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं।
देशमुख ने कहा कि मीडिया के जरिए सामने आया है कि एम्स और (मुंबई के) कूपर अस्पतालों की रिपोर्टों में कहा गया है कि राजपूत के विसरा में जहर का कोई निशान नहीं मिला है।
राज्य के गृह मंत्री ने सीबीआई से मौत के मामले में पड़ताल का खुलासा करने का आग्रह किया।
इस बीच मिशिगन विश्वविद्यालय ने सुशांत सिंह राजपूत के पूरे प्रकरण का अध्ययन किया है और अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की है।
देशमुख ने आरोप लगाया, " उसने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि तीन-चार महीने में मामले की समीक्षा से उजागर होता है कि साजिश के कोण को भड़काने में भाजपा का हाथ है।"
देशमुख ने कहा कि एक राजनीतिक पार्टी ने प्रकरण को एक दिशा देने की कोशिश की और छत्रपति शिवाजी के महाराष्ट्र को बदनाम किया।
देशमुख ने कहा, " महाराष्ट्र कोविड-19 से लड़ रहा था। ऐसे समय में छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र को बदनाम करने की साजिश रची गई।"
देशमुख ने कहा कि पार्टी ने अपनी धुन पर एक कठपुतली को नृत्य कराया, जो महाराष्ट्र में रहती हैं, लेकिन मूल रूप से दूसरे राज्य की हैं।
जब उनसे कठपुतली के बारे में पूछा गया तो वह सिर्फ मुस्कुराए।
माना जाता है कि वह बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत का हवाला दे रहे थे जो हिमाचल प्रदेश से ताल्लुक रखती हैं।
देशमुख ने कहा, "कुछ पार्टियों ने महाराष्ट्र, मुंबई पुलिस को बदनाम करने की कोशिश की। उन्हें महाराष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए, अन्यथा, महाराष्ट्र के लोग उन्हें क्षमा नहीं करेंगे।"
मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र का साइबर विभाग अब इस बात की जांच करेगा कि मामले के संबंध में सोशल मीडिया पर राज्य को किसने बदनाम किया।
पुणे में दरेकर ने कहा कि अभिनेता की मौत के संबंध में एनसीबी, सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियां जांच कर रही हैं और पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या फिल्म जगत में कोई मादक पदार्थ गिरोह है या नहीं।
विधान परिषद में विपक्ष के नेता ने पूछा कि क्या देशमुख कुछ मादक पदार्थ माफिया को बचाने की कोशिश कर रहे हैं?
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)