विदेश से दिल्ली आने वाले यात्री जाएंगे पृथकवास, तबलीगी जमात के 4000 सदस्यों को छोड़ जाएगा
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नयी दिल्ली, छह मई दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के बीच स्वदेश वापसी की उड़ानों से विदेश से लौट कर शहर के हवाई अड्डे पहुंचने वाले लोगों की जांच और प्रबंधन के लिए बुधवार को दिशानिर्देश जारी किए। इसके तहत इन यात्रियों को 14 दिन पृथक-वास में रखा जाएगा जिसके लिए उन्हें स्वयं भुगतान करना होगा।

इस बीच, विभिन्न केंद्रों में पृथकवास की अवधि पूरी कर चुके तबलीगी जमात के 4000 सदस्यों को छोड़ने का आदेश जारी किया गया।

दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने एक आदेश जारी किया जिसमें यह भी कहा गया है कि निजामुद्दीन की घटना में तबलीगी जमात के जिन सदस्यों के नाम हैं और जांच में आवश्यकता है उनको दिल्ली पुलिस की हिरासत में भेजा जाएगा।

राजधानी में 23 मार्च से बंद पड़े औद्योगिक क्षेत्रों में कामकाज फिर से शुरू करने के लिए कुछ जिला मजिस्ट्रेटों ने इकाइयों को खोलने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश भी जारी किए।

इसमें कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्तियों की निकटता के बारे में अलर्ट के लिए सभी कर्मचारियों द्वारा 'आरोग्य सेतु' मोबाइल ऐप डाउनलोड करना भी निर्धारित किया गया है।

सरकार ने कोविड-19 के प्रसार पर रोक के लिए लागू लॉकडाउन के बीच अन्य देशों से उड़ानों से विदेश से शहर के हवाई अड्डे पर वापसी करने वाले यात्रियों की जांच और प्रबंधन के लिए भी दिशानिर्देश जारी किए।

दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने एक आदेश में कहा कि यह विदेश मंत्रालय द्वारा अन्य देशों में स्थित भारतीय मिशनों के समन्वय से विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों को चरणबद्ध तरीके से स्वदेश वापस लाने की योजना के मद्देनजर किया गया है।

दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि कोरोना वायरस के प्रसार की आशंका को कम करने के लिए, स्वदेश वापसी के बाद शहर के हवाई अड्डे पर उतरने वाले ऐसे यात्रियों की जांच और प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।

आदेश में कहा गया है कि दिल्ली हवाई अड्डे आने वाले यात्रियों को पहुंचने की तारीख से 14 दिन पृथक-वास में रखा जाएगा जिसके लिए उन्हें स्वयं भुगतान करना होगा।

नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा था कि एअर इंडिया कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के कारण विदेशों में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए सात से 13 मई तक 64 उड़ानों का संचालन करेगी। इनसे करीब 15,000 भारतीयों को स्वदेश लाया जाएगा।

तबलीगी जमात के सदस्यों की रिहाई को लेकर अधिकारियों ने कहा, ‘‘अन्य सभी को उनके गृह राज्यों में वापस भेजने की आवश्यकता है। इसके लिए दिल्ली सरकार के गृह विभाग को राज्यों के रेजीडेंट आयुक्तों से संपर्क करने के लिए कहा गया है।’’

सरकार के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वर्तमान में लगभग 4,000 तबलीगी जमात सदस्य हैं। इनमें से 900 लोग दिल्ली के हैं जबकि बाकी में से अधिकतर तमिलनाडु और तेलंगाना से हैं। उनकी वापसी के लिए परिवहन की व्यवस्था करने के लिए दिल्ली सरकार अन्य राज्यों की सरकारों के साथ संपर्क में है।

गौरतलब है कि तबलीगी जमात के हजारों सदस्य निजामुद्दीन मरकज में एक धार्मिक कार्यक्रम में इकट्ठा हुए थे। जानकारी मिलने के बाद इन सदस्यों को वहां से निकाला गया था। जांच में बड़ी संख्या में संक्रमण के मामले मिलने से यह स्थान कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट के रूप में उभरा था।

कोरोना वायरस से ठीक हुए तबलीगी जमात के कई सदस्यों ने अपना प्लाज्मा दान किया है जिसका उपयोग अन्य रोगियों के प्लाज्मा थेरेपी के लिए किया जाएगा।

राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 5,104 है। बीमारी से अब तक 64 लोगों की मौत हो चुकी है।

मंगलवार रात को कोरोना वायरस से दिल्ली पुलिस के 31 वर्षीय कांस्टेबल की मौत हो गई। यह दिल्ली पुलिस में ऐसा पहला मामला है।

राष्ट्रीय राजधानी में 87 निषिद्ध क्षेत्र हैं।

सरकार ने कोविड-19 संबंधित प्रश्नों और लोगों की शिकायतों के समाधान के लिए एक ट्विटर हैंडल भी लॉन्च किया।

आम आदमी पार्टी (आप) के व्यापार इकाई के संयोजक ब्रिजेश गोयल ने कहा, ‘‘दिल्ली के उद्योग मंत्री सत्येंद्र जैन ने शहर के उद्योगों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक में कहा कि वे सभी इकाइयां जिनका अपने यहां (व्यक्तियों के)‘प्रवेश पर नियंत्रण’’ है, वे सभी कामकाज शुरू कर सकती हैं।’’ इस बैठक का आयोजन आम आदमी पार्टी (आप) व्यापार प्रकोष्ठ ने किया था।

इस संबंध में जिला मजिस्ट्रेटों ने दिशानिर्देश जारी किये हैं, या फिर संबंधित जिलों के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के चेयरमैन ने इस संबंध में ये निर्देश जारी किये हैं। इनमें कार्यस्थलों पर एकदूसरे से दूरी बनाये रखने नियम का पालन करना, हाथ धोने, सेनिटाइजर का इस्तेमाल, चेहरे पर मास्क पहनाना जरूरी होगा। इसके साथ ही कोई भी हाथ नहीं मिलायेगा और न ही आपस में खाना-पीना अथवा व्यक्तिगत वस्तुओं को बांटेंगे। सभी कर्मचारियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जायेगी और यदि किसी कर्मचारी अथवा कामगार में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे पृथक रखने की सुविधा भी होना चाहिये।

अधिकारियों ने यह भी कहा कि सरकार ने सरकार द्वारा संचालित या सहायता प्राप्त स्कूलों में 11 मई से 30 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा की है।

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि छात्रों को कोविड-19 स्थिति के मद्देनजर किसी भी छुट्टी से संबंधित गतिविधि के लिए स्कूलों में नहीं बुलाया जाएगा।

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