आज दुनियाभर में विध्वंसक हथियार बनाने की होड मची हुई है. हिरोशिमा व नागासाकी में दो परमाणु बमों के हमलें के बाद हुई तबाही से कोई अनजान नहीं है लेकिन इसके बावजूद हर देश सुरक्षा के नाम पर खतरनाक हथियारों के भंडार बढा रहा है. तो आईये आज जानते है की कौन से हथियार सबसे ज्यादा विध्वंसक है और कितनी तबाही मचा सकते है.
हाइड्रोजन बम:
शायद आप नहीं जानते होंगे की हाइड्रोजन बम परमाणु बम से भी जादा खतरनाक है. इसे थर्मो-न्यूक्लियर बम भी कहा जाता है क्योंकि संलयन की प्रक्रिया के लिए बहुत ज्यादा ऊष्मा ऊर्जा की जरूरत होती है. अमेरिका ने हाइड्रोजन बम का पहला सफल परीक्षण किया था. इस दौरान 10 हजार किलोटन ऊर्जा का उत्पन्न हुआ था जो हिरोशिमा और नागासाकी पर गिरे बम की तुलना में कई सौ गुना ज्यादा है.
परमाणु बम:
यह दुनिया का दूसरा सबसे खरतनाक हथियार है. थोड़ी से यूरेनियम या प्लुटोनियम के साथ भी परमाणु बम एक पूरे शहर को नष्ट करने की ताकत रखता है. इसके अलावा विस्फोट के बाद होनेवाले घातक विकिरण से कई वर्षों तक शहर को निर्वासित कर सकता है. आज लगभग हर शक्तिशाली देश के पास परमाणु बम मौजूद है.
फादर ऑफ ऑल बम (एफओएबी):
एफओएबी सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम माना जाता है. रूस ने सबसे पहले इसका परीक्षण 11 सितंबर, 2007 में किया था. यह लगभग परमाणु बम जितनी ही तबाही मचा सकता है, लेकिन इससे रेडिएशन का खतरा नहीं होता है. यह जमीं से ऊपर ही फटता है और फिर हवा में मौजूद ऑक्सीजन के साथ क्रिया करता है और अपनी ताकत को कई गुना बढ़ा लेता है.
मदर ऑफ ऑल बम (एमओएबी):
यह बम लगभग एफओएबी जैसा ही होता है, लेकिन विनाश करने की इसकी क्षमता आधी होती है. एमओएबी बम लगभग सवा तीन किलोमीटर के दायरे में आने वाली हर एक चीज को बर्बाद करने की क्षमता रखता है. अमेरिका ने पहली बार इसका परीक्षण 2003 में इराक युद्ध शुरू होने से पहले किया गया था.
नापलम बम:
इसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान विकसित किया गया था. नापलम बम जेलिंग एजेंट और पेट्रोलियम का मिश्रण है जो विस्फोट के बाद त्वचा को गंभीर रूप से जख्मी कर इंसान को मौत के घाट उतार देता है. वर्ष 1945 में अमेरिका ने टोक्यो पर नापलम बम गिराया था जिसमें 100,000 नागरिकों की मौत हुई थी.