दुनिया पर मंडरा रहा कोरोना वायरस के नए वैरिएंट Lambda का खतरा, WHO ने की 29 देशों में मिलने की पुष्टि

विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को अपने बयान में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट लैम्ब्डा के 29 देशों में पहचाने जाने की पुष्टि की है. यह माना जा रहा है कि इस नए संस्करण की उत्पत्ति दक्षिण अमेरिका से हुई है और अब यह दुनिया के 29 देशों तक फैल गया है. डब्ल्यूएचओ ने अपने साप्ताहिक अपडेट में कहा कि लैम्ब्डा को पहली बार पेरू में पहचाना गया था.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

New COVID-19 Variant Lambda: कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Second Wave of Coronavirus) के प्रकोप के बीच अब दुनिया पर कोविड-19 वायरस के नए वैरिएंट लैम्ब्डा (COVID-19 Variant Lambda) का खतरा मंडराने लगा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) यानी डब्ल्यूएचओ (WHO) ने बुधवार को अपने बयान में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट लैम्ब्डा (Lambda) के 29 देशों में पहचाने जाने की पुष्टि की है. यह माना जा रहा है कि इस नए संस्करण की उत्पत्ति दक्षिण अमेरिका से हुई है और अब यह दुनिया के 29 देशों तक फैल गया है. डब्ल्यूएचओ ने अपने साप्ताहिक अपडेट में कहा कि लैम्ब्डा को पहली बार पेरू में पहचाना गया था.

अधिकारियों की मानें तो लैम्ब्डा पेरू (Peru) में व्याप्त है, जहां अप्रैल 2021 से 81 फीसदी कोविड-19 मामले इस नए वैरिएंट से जुड़े हुए पाए गए. चिली (Chile) में पिछले 60 दिनों में सभी सबमिट किए गए अनुक्रमों में से 32 फीसदी में इस वैरिएंट का पता चला था और केवल Gamma वैरिएंट द्वारा आउटक्लास किया गया था, जिसे पहली बार ब्राजील में पहचाना गया था. अर्जेंटीना और इक्वाडोर जैसे अन्य देशों ने भी नए वैरिएंट के उच्च प्रसार की सूचना दी है.

डब्ल्यूएचओ ने बताया कि लैम्ब्डा वंश में उत्परिवर्तन होता है, जो संक्रमण क्षमता को बढ़ा सकता है या एंटीबॉडी के लिए वायरस के प्रतिरोध को मजबूत कर सकता है. हालांकि इससे जुड़े प्रमाण अभी बहुत सीमित हैं. जिनेवा स्थित संगठन ने कहा लैम्ब्डा वैरिएंट को बेहतर ढंग से समझने के लिए और अधिक अध्ययन की जरूरत है. यह भी पढ़ें: Delta Plus, New COVID19 Variant: डेल्टा प्लस नया कोविड वेरिएंट पाया गया, जानें इसके प्रसार और विषाणु के बारे में

हाल ही में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट डेल्टा (Delta variant) ने खूब सुर्खियां बटोरी है. इस वैरिएंट को पहली बार भारत में पहचाना गया था और 11 मई 2021 को इसे वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में लेबल किया गया था. इस वैरिएंट को डब्ल्यूएचओ ने वैरिएंट ऑफ कंसर्न के तौर पर वर्गीकृत किया था.

गौरतलब है कि अत्यधिक संक्रामक B.1.6172 या COVID-19 का डेल्टा संस्करण, जो पहली बार भारत में पाया गया है और इसे देश में कोरोनावायरस मामलों की दूसरी लहर के ड्राइवरों में से एक माना जाता है. यह नया वैरिएंट आगे डेल्टा प्लस या AY.1 संस्करण में उत्परिवर्तित हो गया है.

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