VIDEO: 'लालकिले पर धमाका हमने कराया...': पाकिस्तानी नेता Chaudhry Anwarul Haq का कबूलनामा, दुनिया के सामने खुली पोल
दिल्ली में लाल किले के बाहर 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट को लेकर पाकिस्तान की भूमिका पर बड़ा खुलासा हुआ है.
Red Fort Blast Update: दिल्ली में लाल किले के बाहर 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट को लेकर पाकिस्तान की भूमिका पर बड़ा खुलासा हुआ है. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POJK) के बर्खास्त किए गए नेता चौधरी अनवरुल हक का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह खुलेआम स्वीकार कर रहे हैं कि इस हमले में पाकिस्तान ने सीधी भूमिका निभाई थी. इस धमाके में अब तक 13 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल हैं.
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रेड फोर्ट ब्लास्ट पर पाक नेता का कबूलनामा
विधानसभा में भाषण के दौरान दिया बयान
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में अनवरुल हक POJK विधानसभा को संबोधित कर रहे हैं, जिसमें वह कहते दिखते हैं कि पाकिस्तान ने भारत को लाल किले से लेकर कश्मीर के जंगलों तक चेतावनी दी थी और धमाके के जरिए उसका जवाब दिया गया. उनके इस बयान ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है, क्योंकि यह पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की सबसे खुली स्वीकारोक्ति मानी जा रही है.
जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल की हुई थी पहचान
जांच एजेंसियों ने पहले ही साफ कर दिया था कि यह धमाका जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े मॉड्यूल ने किया था. यह वही आतंकी संगठन है जिस पर संसद हमले से लेकर पुलवामा जैसे बड़े हमलों की जिम्मेदारी है. इस मॉड्यूल की गतिविधियों का दायरा अब कश्मीर से बढ़कर भारत के बड़े शहरों तक पहुंचता नजर आ रहा है.
भारत पर हमलों की नई रणनीति की ओर इशारा
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान अब अपनी आतंकी रणनीति बदल रहा है. कश्मीर को केंद्र मानने के बजाय वह भारत के भीतर गहरी पैठ बनाने की कोशिश कर रहा है. इस बदलाव को देखते हुए भारत की सुरक्षा एजेंसियों को अपने समन्वय और इंटेलिजेंस नेटवर्क को और मजबूत करने की जरूरत है.
ISI की ऑनलाइन सक्रियता से बढ़ी चिंता
पाकिस्तान की ISI पर पहले भी आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है. अब रिपोर्ट्स बताती हैं कि सोशल मीडिया के जरिए भारतीय युवाओं को भड़काने और नए स्लीपर सेल बनाने की कोशिश बढ़ गई है. यह वही तरीका है जिसका इस्तेमाल मुंबई 26/11 हमले से पहले भी किया गया था.
हाई अलर्ट पर भारत की सुरक्षा एजेंसियां
रेड फोर्ट ब्लास्ट और पाक नेता के इस कबूलनामे ने भारत की सुरक्षा चिंताओं को और बढ़ा दिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह साफ संकेत है कि पाकिस्तान के अंदर कुछ ताकतें अब भी आतंकवाद को अपनी नीतियों का हिस्सा मानकर चल रही हैं.