मध्य-पूर्व में युद्ध रोकने के लिए हम 24 घंटे कर रहे कूटनीतिक प्रयास: जो बाइडेन

हमास प्रमुख इस्माइल हानिया की मौत के बाद मध्य-पूर्व में तनाव बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, इजरायल पर ईरान के जवाबी हमले की आशंका को लेकर लगातार अन्य देशों के साथ वार्ता कर रहे हैं.

Joe Biden (Photo Credit: X)

वाशिंगटन, 6 अगस्त : हमास प्रमुख इस्माइल हानिया की मौत के बाद मध्य-पूर्व में तनाव बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, इजरायल पर ईरान के जवाबी हमले की आशंका को लेकर लगातार अन्य देशों के साथ वार्ता कर रहे हैं. बाइडेन प्रशासन ने एक बयान में कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति, मध्य-पूर्व में युद्ध से बचने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं. विदेशी मीडिया की खबर के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने व्हाइट हाउस में एक कूटनीतिक बैठक में हिस्सा लिया. इसमें इस्माइल हानिया की मौत के बाद मध्य-पूर्व देश में पैदा हुए तनाव को कम करने की कोशिश पर चर्चा हुई.

एंटनी ब्लिंकन ने व्हाइट हाउस की बैठक में अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ शामिल होने के बाद मीडिया से कहा, "हम चौबीसों घंटे गहन कूटनीति में लगे हुए हैं, जिसका संदेश बहुत ही सरल है कि सभी पक्षों को तनाव बढ़ाने से बचना चाहिए. यह भी महत्वपूर्ण है कि हम गाजा में युद्धविराम पर पहुंचकर इस चक्र को तोड़ें." इससे पहले राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय से फोन पर बात की. इसके अलावा ब्लिंकन ने कतर और मिस्र के शीर्ष अधिकारियों को फोन किया. उन्होंने जी-7 के अपने समकक्षों और इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल सुदानी से भी ताजा हालातों पर बात की. यह भी पढ़ें : Bangladesh Crisis: बांग्लादेश हिंसा पर नई दिल्ली में हुई सर्वदलीय बैठक, सरकार ने राजनीतिक दलों को दी ताजा हालातों की जानकारी- VIDEO

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चेतावनी दी है कि ईरान जल्द ही इजरायल पर हमला कर सकता है. ब्लिंकन ने कहा, "वास्तव में, यह बात मायने रखती है कि सभी पक्ष समझौते पर पहुंचने के तरीके खोजें." इससे पहले जो बाइडेन, युद्ध विराम वार्ता में शामिल इस्माइल हानिया की हत्या को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं.

दरअसल, बाइडेन अपने कार्यकाल के अंतिम महीनों में गाजा युद्ध को समाप्त करने और इजरायल व सऊदी अरब के बीच एक ऐतिहासिक समझौते को अंतिम रूप देने की उम्मीद कर रहे थे. हालांकि, विदेशी मीडिया की खबर के मुताबिक, उन्होंने ईरान को ताकत दिखाने के लिए मध्य पूर्व में अमेरिकी सैन्य की तैनाती बढ़ाई है.

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