रंग लाई PM मोदी की कूटनीति, अमेरिका ने भारत के लिए बदला यह बड़ा कानून
अमेरिका और भारत के रिश्ते में एक नया आयाम जुड़ गया गया है. दरअसल अमेरिका ने भारत के लिए अपना रक्षा हथियार से संबंधित एक कानून को बदल डाला है. अमेरिका के इस फैसले के बाद भारत को रूस से रक्षा उपकरण और हथियार खरीदने में अब कोई दिक्कत नहीं आएगी.
वाशिंगटन: अमेरिका और भारत के रिश्ते में एक नया आयाम जुड़ गया गया है. दरअसल अमेरिका ने भारत के लिए अपना रक्षा हथियार से संबंधित एक कानून को बदल डाला है. अमेरिका के इस फैसले के बाद भारत को रूस से रक्षा उपकरण और हथियार खरीदने में अब कोई दिक्कत नहीं आएगी. अमेरिकी संसद ने राष्ट्रीय रक्षा विधेयक, 2019 पारित कर सीएएटीएस कानून के तहत भारत के खिलाफ प्रतिबंध लगने की आशंका को खत्म करने का रास्ता निकाल दिया है. अमेरिकी संसद ने बुधवार को 716 अरब डॉलर का रक्षा विधेयक पारित कर अमेरिका और भारत के रिश्तों में खटास आने की संभावनाओं को खत्म कर दिया है.
इस विधेयक के पास होने से भारत के साथ देश की रक्षा भागीदारी मजबूत करने की भी बात कही गई है. हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स और सीनेट ने संयुक्त कॉन्फ्रेंस रिपोर्ट में कहा कि अमेरिका को भारत के साथ अपनी अहम रक्षा साझेदारी मजबूत करनी चाहिए. दोनों देशों को ऐसी साझेदारी करनी चाहिए जो हमारी सेनाओं के बीच ‘रणनीतिक, संचालनात्मक और सामरिक समन्वय बढ़ा सके.’
अब इस विधेयक को कानून बनाने के लिए इसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पास भेजा जाएगा और उनके हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा.
बता दें कि ओबामा प्रशासन ने भारत को 2016 में अमेरिका के अहम रक्षा साझेदार का दर्जा दिया था. प्रतिबंधों के जरिए अमेरिका के विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई कानून (सीएएटीएसए) के तहत उन देशों के खिलाफ प्रतिबंध लगाए जाते हैं जो रूस से महत्वपूर्ण रक्षा उपकरणों की खरीद करते हैं. S-400 सुपरसोनिक मिसाइल जल्द बनेगी भारतीय फौज की शान, दुश्मन देश होंगे पस्त