अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट: भारत के लिए पाकिस्तान से ज्यादा बड़ा खतरा चीन
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

एक अमेरिकी रक्षा रिपोर्ट से पता चला है कि पाकिस्तान भारत को अस्तित्व के लिए खतरा मानता है, जिसके कारण वो परमाणु हथियारों समेत सैन्य आधुनिकीकरण को बढ़ावा दे रहा है.22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर और पाकिस्तान के भीतर ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया था और भारत ने दावा किया था कि उसने आतंकवाद के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की है. दोनों देशों के बीच हुई सैन्य झड़प के बाद क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है. अमेरिका की एक ताजा खुफिया रिपोर्ट में भारत, चीन और पाकिस्तान की रक्षा नीति को लेकर कई दावे किए गए हैं. अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी (डीआईए) ने अपनी "विश्व खतरा आकलन" रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान भारत को एक गंभीर खतरा मानता है और वह भारत की मजबूत पारंपरिक सेनाओं का मुकाबला करने के लिए सामरिक परमाणु हथियारों के विकास समेत अपनी सेना के आधुनिकीकरण के प्रयास जारी रखेगा.

पहलगाम हमले के एक महीने बाद भी नाजुक हैं हालात

रिपोर्ट: पाकिस्तान परमाणु हथियारों का कर रहा विस्तार

आकलन रिपोर्ट में कहा गया है, आने वाले वर्ष में पाकिस्तानी सेना की प्राथमिकताओं में क्षेत्रीय पड़ोसियों के साथ सीमा पार झड़पें, आतंकवाद विरोधी अभियान और परमाणु हथियार क्षमताओं का निरंतर विकास शामिल होने की संभावना है.

पाकिस्तान में साल 2024 में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और बलोच अलगाववादियों और अन्य आतंकी समूहों ने सैन्य अभियानों के बावजूद पाकिस्तान में 2,500 से अधिक लोगों की हत्या कर दी.

रिपोर्ट कहती है कि पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के आधुनिकीकरण में ना केवल हथियार प्रणाली शामिल है, बल्कि परमाणु सामग्री की सुरक्षा और कमांड-एंड-कंट्रोल तंत्र को बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है, "पाकिस्तान अपने परमाणु शस्त्रागार का आधुनिकीकरण कर रहा है और अपनी परमाणु सामग्री और परमाणु कमांड एंड कंट्रोल की सुरक्षा बनाए रख रहा है."

भारत के लिए बड़ा खतरा चीन!

डीआईए की "विश्व खतरा आकलन" रिपोर्ट में पाकिस्तान में आतंकी समूहों के खिलाफ भारत के ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद तनाव में वृद्धि का भी जिक्र किया गया है. इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी की रक्षा प्राथमिकताएं वैश्विक नेतृत्व का प्रदर्शन करने, चीन का मुकाबला करने और भारत की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने पर केंद्रित होने की संभावना है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत चीन को अपना मुख्य प्रतिद्वंद्वी मानता है, जबकि पाकिस्तान को एक सीमित सुरक्षा समस्या के रूप में देखता है, जिसे नियंत्रण में रखा जा सकता है.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद चीन के हथियारों पर क्यों रही है चर्चा

भारत और चीन के संबंध

अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने और अपनी वैश्विक स्थिति को मजबूत करने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ रक्षा संबंधों को भी मजबूत कर रहा है. इन प्रयासों में संयुक्त सैन्य अभ्यास, ट्रेनिंग कार्यक्रम, हथियारों की बिक्री और क्षेत्रीय भागीदारों के साथ खुफिया जानकारी साझा करना शामिल है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में सैन्य झड़प के बाद से सैनिकों को वापस लेने पर सहमत हुए हैं, जिससे 2020 से जारी तनाव कम होगा. हालांकि, लंबे समय से चल रहा सीमा विवाद अभी भी अनसुलझा है.

रिपोर्ट में भारत और रूस के संबंधों का जिक्र किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत 2025 में भी रूस के साथ अपने संबंधों को मधुर बनाए रखेगा क्योंकि वह रूस के साथ अपने संबंधों को "अपने आर्थिक और रक्षा उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण मानता है और रूस-चीन संबंधों को गहरा होते नहीं देखना चाहता."

इसमें कहा गया है, "मोदी के नेतृत्व में, भारत ने रूसी मूल के सैन्य उपकरणों की खरीद कम कर दी है, लेकिन अभी भी रूसी टैंकों और लड़ाकू विमानों के अपने बड़े भंडार को बनाए रखने के लिए रूसी स्पेयर पार्ट्स पर निर्भर है, जो चीन और पाकिस्तान से संभावित खतरों का मुकाबला करने के लिए उसकी सैन्य क्षमता की रीढ़ हैं."