संयुक्त राज्य अमेरिका (America) और तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में शांति लाने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किया. इस समझौते के साथ अफगानिस्तान में सबसे लंबे अमेरिकी युद्ध का अंत हो गया. वहीं इस दौरान दोहा, कतर में अमेरिकी विदेश सचिव माइक पोम्पिओ ने इस दौरान कहा कि, प्रयास तभी कामयाब हो सके जब तालिबान ने अल-कायदा और अन्य विदेशी आतंकवादी समूहों के साथ अपने संबंधों को समाप्त करने में रुचि दिखाई. आज हम जिस समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे, वह इस प्रयास की सच्ची परीक्षा है. तालिबान के उपनेता और मुख्य वार्ताकार मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात की ओर से शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए, जबकि अमेरिकी दूत जल्माय खलीलजाद ने वाशिंगटन की ओर से हस्ताक्षर किया. अब इस इस समझौते के बाद अमेरिका और इसके सहयोगी 14 महीने के भीतर अफगानिस्तान अपने सभी सैनिकों को वापस बुला लेंगे.
इस दौरान माइक पोम्पिओ ने आगे कहा कि हम तालिबान पर उनकी प्रतिबद्धताओं के पालन के लिए करीब से नजर रखेंगे. माइक पोम्पिओ ने कहा कि उनके कार्यों की गति के साथ हमारी वापसी की जांच करेंगे. सूत्रों के मुताबिक इस फैसले के साथ दोनों ही देश कैदियों को रिहा करेंगे. जिसमें अमेरिका और अफगान सरकार तालिबान के 5,000 कैदियों को रिहा करेगा तो वहीं इसके बदले में तालिबान अफगान सरकार के 1,000 कैदियों को मुक्त करेगा. यह भी पढ़ें:- सीरिया में हवाई हमले में तुर्की के 33 सैनिकों की मौत, दमिश्क पर हमले का आरोप.
अमेरिका और तालिबान के बीच इस समझौते में इस बात का भी जिक्र है कि अगर अल-कायदा, आईएसआईएस-के और अन्य अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी समूहों द्वारा संयुक्त राज्य या उसके सहयोगियों के खिलाफ हमले करने का प्रयास किया गया तो US, अफगानिस्तान में इस्लामी गणतंत्र की रजामंदी से वहां सैन्य संचालन भी कर सकता है.
दोनों देशों में हुआ शांति समझौता:-
Doha, Qatar: United States of America & Taliban sign 'agreement for bringing peace to Afghanistan'. #AfghanPeaceDeal pic.twitter.com/5iRqEAAsIM
— ANI (@ANI) February 29, 2020
वाशिंगटन और काबुल ने शनिवार को संयुक्त बयान में यह बात कही थी कि, शनिवार को समझौते पर हस्ताक्षर होने के 135 दिन के भीतर आरंभिक तौर पर अमेरिका और इसके सहयोगी अपने 8,600 सैनिकों को वापस बुला लेंगे. इसमें कहा गया कि इसके बाद ये देश 14 महीने के भीतर अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों को वापस बुला लेंगे.