ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) को ब्रेक्जिट पर संसद में मंगलवार को पहली बड़ी हार मिली. उनकी खुद की कंजर्वेटिव पार्टी के बागी सांसदों ने विपक्षी सांसदों के साथ मिलकर हाउस ऑफ कामंस (House of commons) के कामकाज का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया जिससे ब्रेक्जिट में देरी हो सकती है और मजबूरन समय से पहले चुनाव कराए जा सकते हैं.
जॉनसन को इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर 301 वोट ही मिले जबकि उनके खिलाफ 328 वोट पड़े. बोरिस जॉनसन इस वादे के साथ प्रधानमंत्री बने थे अगर 31 अक्टूबर तक ब्रेक्जिट पर समझौता नहीं हुआ तो भी ब्रिटेन यूरोपीय संघ से अलग हो जाएगा जबकि विरोधी चाहते हैं कि यह समयसीमा बढ़ायी जाए.
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जॉनसन की खुद की पार्टी के 21 सांसदों ने सरकार के खिलाफ मतदान किया जिससे देश में अक्टूबर के मध्य तक आम चुनाव कराए जाने की संभावना बन गई है. अगर बुधवार को होने वाला मतदान भी जॉनसन के खिलाफ जाता है तो वह संसद द्वारा ब्रेक्जिट समझौते पर पहुंचने के लिए कम से कम 31 जनवरी 2020 की समयसीमा मांगने के लिए बाध्य होंगे.
हालांकि उन्होंने इस मांग के आगे न झुकने की पुष्टि करते हुए एक बयान में कहा कि वह इसके बजाय आम चुनाव कराने के लिए एक प्रस्ताव पेश करेंगे. प्रधानमंत्री के तौर पर पहली बार हार के तुरंत बाद जॉनसन ने कहा, ‘‘आज रात मतदान के नतीजों के बारे में कोई वहम मत रखिए. इसका मतलब है कि संसद किसी भी समझौते को खत्म करने की कगार पर है. चूंकि कल होने वाले मतदान से यूरोपीय संघ से बातचीत की कमान संसद के पास चली जाएगी तो इसका मतलब होगा और दुविधा, और विलंब और भ्रम.’’
अपनी पार्टी के बागी सांसदों को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि अगर संसद बुधवार को बिना समझौते वाले ब्रेक्जिट विधेयक को रोकने के लिए मतदान करती है तो जनता यह तय करेगी कि 17 अक्टूबर को इस मुद्दे को सुलझाने और ब्रेक्जिट को आगे ले जाने के लिए कौन यूरोपीय संघ जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘‘इस देश के लोगों को तय करना होगा. विपक्ष के नेता (जेरेमी कोर्बिन) दो वर्षों से चुनाव की गुहार लगा रहे हैं. मैं चुनाव नहीं चाहता लेकिन अगर सांसद कल बातचीत को रोकने के लिए मतदान करते हैं और बिना किसी औचित्य के संभवत: वर्षों तक ब्रेक्जिट को टालने के लिए मजबूर करते हैं तो इसे हल करने का केवल एक रास्ता होगा. मैं पुष्टि कर सकता हूं कि आज रात हम चुनाव कराने के लिए प्रस्ताव पेश कर रहे हैं.’’