
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को खास लंच पर बुलाया. इस मुलाकात को लेकर दुनियाभर में चर्चा हो रही है, और इसके पीछे की वजह खुद ट्रंप ने साफ की है – उन्होंने कहा कि वे मुनीर का धन्यवाद करना चाहते थे कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को बढ़ने नहीं दिया.
"मैं उन्हें यहां इसलिए लाया क्योंकि मैं उनका शुक्रिया अदा करना चाहता था कि उन्होंने युद्ध नहीं बढ़ाया और उसे खत्म किया," ट्रंप ने लंच के दौरान कहा.
यह पहली बार है जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के ताकतवर सेना प्रमुख को बिना किसी वरिष्ठ पाकिस्तानी नागरिक अधिकारी के व्हाइट हाउस में बुलाया हो. यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ रहा है और अमेरिका भी इसमें भूमिका निभाने की सोच रहा है.
भारत-पाक संघर्ष पर बातचीत
डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मंगलवार रात को बात की और उनके शांति के प्रयासों की भी तारीफ की. उन्होंने कहा, "दो समझदार लोगों ने युद्ध को आगे न बढ़ाने का फैसला किया, ये परमाणु युद्ध बन सकता था."
बता दें कि भारत और पाकिस्तान ने 10 मई को आपसी सहमति से चार दिनों की ड्रोन और मिसाइल हमलों की जंग खत्म की थी. यह कदम दुनियाभर में शांति की ओर बढ़ाया गया एक अहम कदम माना जा रहा है.
ईरान और इजरायल के मुद्दे पर भी हुई चर्चा
ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने मुनीर के साथ ईरान के मुद्दे पर भी चर्चा की, क्योंकि पाकिस्तान की ईरान से नजदीकियां हैं. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान की लीडरशिप ईरान को अच्छी तरह जानती है, शायद सबसे बेहतर. और वो जो देख रहे हैं उससे खुश नहीं हैं."
पाकिस्तान ने इजरायल के ईरान पर हमलों की आलोचना की है और कहा है कि ये अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है और क्षेत्रीय शांति को खतरे में डालता है.
मुनीर ने ट्रंप के लिए नोबेल शांति पुरस्कार की मांग की
व्हाइट हाउस की डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी अन्ना केली ने बताया कि जनरल मुनीर ने राष्ट्रपति ट्रंप के लिए नोबेल शांति पुरस्कार की सिफारिश की है, क्योंकि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को रोकने में अहम भूमिका निभाई.
मोदी से भी हुई चर्चा, लेकिन शांति प्रस्ताव पर नहीं
प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप की बातचीत में "ऑपरेशन सिंदूर" पर चर्चा हुई थी, जो भारत ने अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किया था. पीएम मोदी ने ट्रंप से साफ कहा कि इस बातचीत में अमेरिका की मध्यस्थता या भारत-अमेरिका व्यापार समझौते जैसी कोई बात नहीं हुई.
यह लंच मीटिंग सिर्फ एक खानपान का कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह भारत-पाक रिश्तों, ईरान-इजरायल तनाव और वैश्विक राजनीति को लेकर अमेरिका की रणनीति का संकेत भी है. ट्रंप और मुनीर की इस मुलाकात के जरिए अमेरिका ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह दक्षिण एशिया में शांति बनाए रखने में एक बड़ी भूमिका निभा रहा है.