तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के पतन और इसके बाद उनके देश छोड़कर चले जाने के बाद बांग्लादेश अंतरिम सरकार के अधीन है. पूर्व प्रधान मंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने रैली का आयोजन किया और वह नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर त्वरित सुधार लाने और अगला राष्ट्रीय चुनाव कराने के लिए दबाव बना रही है.
परिवारवादी राजनीतिक ढांचे में हसीना और जिया मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं. जिया बीमार हैं और व्यक्तिगत रूप से रैली का नेतृत्व करने में असमर्थ थीं. जिया के बड़े बेटे तारिक रहमान उनके उत्तराधिकारी हैं लेकिन वह 2008 से निर्वासन में रह रहे हैं.
बीएनपी के कार्यकर्ता शुक्रवार को ढाका की सड़कों पर उतरे और देश के राष्ट्रीय संसद भवन तक पहुंचने से पहले प्रमुख मार्गों से होकर मार्च किया ताकि यह दर्शाया जा सके कि वे अपनी पार्टी की अगली सरकार बनाने के लिए उत्सुक हैं.
यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने अगले चुनाव के लिए कोई समय सीमा घोषित नहीं की है. 15 साल से सत्ता पर काबिज शेख हसीना के पांच अगस्त को देश छोड़कर भारत जाने के तीन दिन बाद यूनुस के सत्ता संभालने पर बीएनपी ने शुरू में तीन महीने में चुनाव कराने की मांग की थी.
बीएनपी नेताओं ने पहले कहा था कि यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार को लंबे समय तक सत्ता में रहने के बजाय चुनाव कराने के लिए आगे बढ़ना चाहिए, लेकिन पार्टी कुछ सुधार लाने के लिए सरकार को उचित समय देना चाहती है.
रहमान ने शुक्रवार को लंदन से ‘वीडियो-कॉन्फ्रेंस’ के जरिए कहा कि अंतरिम सरकार को किसी भी स्थिति में विफल नहीं होने दिया जाना चाहिए क्योंकि सरकार देश में व्यवस्था लाने के लिए गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है. हसीना की अवामी लीग पार्टी और उसके सहयोगियों को भी नए राजनीतिक परिदृश्य से निपटने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
रहमान ने अपने उत्साही समर्थकों से कहा कि वे सतर्क रहें क्योंकि हसीना की पूर्व सरकार के सहयोगी अब भी सक्रिय हैं. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष रहमान ने कहा, ‘‘निर्वासित तानाशाहों के सहयोगी अब भी देश-विदेश और शासन-प्रशासन में मौजूद हैं, जो अंतरिम सरकार को अस्थिर करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. इस अंतरिम सरकार को किसी भी परिस्थिति में विफल नहीं होने दिया जाना चाहिए.’’ लेकिन उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार को लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए.
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