अमेरिका संग निरस्त्रीकरण वार्ता को तैयार रूस, इन अहम मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
संयुक्त राष्ट्र के लिए रूस के राजदूत गेनाडी गैतिलोव ने कहा है कि उनके देश का मानना है कि निरस्त्रीकरण को लेकर 'हालिया नकारात्मक घटनाक्रम' की परवाह किए बिना, यह दुनिया की सामरिक स्थिरता बनाए रखने के लिए अमेरिका संग बातचीत करने को तैयार है. आईएनएफ संधि पूर्व सोवियत संघ और अमेरिका के बीच 1987 में हुई थी.
जेनेवा : संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के लिए रूस के राजदूत गेनाडी गैतिलोव ने कहा है कि उनके देश का मानना है कि निरस्त्रीकरण को लेकर 'हालिया नकारात्मक घटनाक्रम' की परवाह किए बिना, यह दुनिया की सामरिक स्थिरता बनाए रखने के लिए अमेरिका संग बातचीत करने को तैयार है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, दो अगस्त को अमेरिका के शीत युद्ध के दौर की मध्यम दूरी परमाणु बल (आईएनएफ) संधि से हटने के बाद गैतिलोव ने शुक्रवार को यहां मीडिया को अप्रसार और निरस्त्रीकरण के संबंध में भविष्य में रूस द्वारा उठाए जाने वाले कदम के बारे में बताया.
पुर्व उप विदेश मंत्री गैतिलोव ने कहा, "ऐसा करने से, शीत युद्ध के बाद गठित रणनीतिक स्थिरता को नुकसान पहुंचा और इसने अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों की एक विस्तृत श्रंखला में मॉस्को और वाशिंगटन के बीच सहयोग के प्रगतिशील, सकारात्मक विकास के लिए आवश्यक परिस्थितियों को बनाने में योगदान दिया."
उन्होंने कहा, "नई स्थिति ने अंतर्राष्ट्रीय स्थिरता के लिए जोखिम बढ़ा दिए हैं, क्योंकि आईएनएफ रणनीतिक स्थिरता के स्तंभों में से एक था." आईएनएफ संधि से पीछे हटते हुए, वाशिंगटन ने घोषणा की कि अमेरिकी-रूसी द्विपक्षीय परमाणु निरस्त्रीकरण युग समाप्त हो गया.
गैतिलोव ने कहा, "रूस ने अभी भी रणनीतिक स्थिरता के सभी मुद्दों पर अमेरिका के साथ मौलिक, रचनात्मक और लक्ष्योन्मुख बातचीत के लिए दरवाजा खुला रखा है, जो आपसी सम्मान पर आधारित है, और एक-दूसरे के हितों पर विचार करने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के हितों पर विचार करने के बारे में भी है." आईएनएफ संधि पूर्व सोवियत संघ और अमेरिका के बीच 1987 में हुई थी.