रूस ने शुक्रवार को दोहराया कि जम्मू एवं कश्मीर राज्य का संवैधानिक पुनर्गठन, भारत का आंतरिक मामला है और इससे उसका कोई सरोकार नहीं है. भारत में रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव ने यहां एक प्रेस ब्रीफिंग में कश्मीर के संबंध में कई सवालों के जवाब दिए. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा एक बार फिर पाकिस्तान के इशारे पर कश्मीर पर चर्चा करने के चीन के अनुरोध को खारिज करने के एक दिन बाद यह टिप्पणी आई है.
कुदाशेव ने यहां दूतावास में कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के मूल सिद्धांतों में से एक, आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने से बचने का है. इस सवाल पर कि क्या वह कश्मीर की मौजूदा स्थिति पर पश्चिमी मीडिया द्वारा जाहिर किए गए संदेह को देखते हुए कश्मीर का दौरा करना चाहते हैं, रूस के राजदूत ने कहा कि वह कश्मीर का दौरा करने के लिए विशेष रूप से उत्सुक नहीं हैं.
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उन्होंने कहा, "मेरे पास यात्रा करने का कोई कारण नहीं है. जिन्हें चिंता और संदेह हैं, वे यात्रा कर सकते हैं. लेकिन हम आंतरिक मुद्दों और देशों के संवैधानिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करते हैं." इस दौरान उन्होंने भारत व इसकी विदेश नीति की भी जमकर प्रशंसा की.