सऊदी अरब और यूएई में रबी उल अव्वल का चांद दिखने की कोई खबर नहीं है. इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है. बता दें कि चांद दिखने के अगले दिन को रबी-उल-अव्वल का पहला दिन माना जाएगा. इसके साथ ही ईद मिलादुन्नबी की तैयारी भी शुरू हो जाएगी, जो इस्लामी समाज के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है.
Rabi-ul-Awwal Moon Sighting Live Updates: KSA और UAE में रबी उल अव्वल का चांद दिखने की कोई खबर नहीं
रबी-उल-अव्वल की शुरुआत चांद के दिखने से होती है, और इसका विशेष महत्व है क्योंकि इसी चांद के आधार पर महीने की तारीखें तय की जाती हैं. सऊदी अरब और यूएई में चांद देखने की प्रक्रिया जारी है और धार्मिक अधिकारी इस पर नजर बनाए हुए हैं.
Rabi-ul-Awwal Moon Sighting Live Updates: रबी-उल-अव्वल इस्लामिक कैलेंडर का तीसरा महीना है और इसे मुसलमानों के लिए खासतौर पर महत्वपूर्ण माना जाता है. इस महीने में पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) का जन्मदिन मनाया जाता है, जिसे ईद मिलादुन्नबी के नाम से जाना जाता है. रबी-उल-अव्वल की शुरुआत चांद के दिखने से होती है, और इसका विशेष महत्व है क्योंकि इसी चांद के आधार पर महीने की तारीखें तय की जाती हैं. सऊदी अरब और यूएई में चांद देखने की प्रक्रिया जारी है और धार्मिक अधिकारी इस पर नजर बनाए हुए हैं. जैसे ही चांद दिखने की पुष्टि होगी, इसके तुरंत बाद महीने की शुरुआत का ऐलान कर दिया जाएगा.
लोग इस चांद के दिखने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं ताकि वे रबी-उल-अव्वल की शुरुआत कर सकें और ईद मिलादुन्नबी की तैयारियां शुरू कर सकें. आज, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में रबी-उल-अव्वल का चांद देखे जाने की संभावनाएं हैं. अगर चांद आज दिख जाता है, तो कल यानी 4 सितंबर 2024 को रबी-उल-अव्वल का पहला दिन होगा. इसके साथ ही ईद मिलादुन्नबी की तैयारी भी शुरू हो जाएगी, जो इस्लामी समाज के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है.
सऊदी अरब और यूएई में इस्लामी माह की शुरुआत चांद देखने के बाद ही होती है. इसके लिए आधिकारिक तौर पर विशेषज्ञों की टीमें नियुक्त की जाती हैं, जो चांद देखने की पुष्टि करती हैं. अगर चांद दिख जाता है, तो इसका ऐलान किया जाता है और इसके बाद पूरे देश में महीने की शुरुआत का ऐलान किया जाता है.
रबी-उल-अव्वल का महत्व
रबी-उल-अव्वल का महीना इस्लामी इतिहास में बेहद महत्वपूर्ण है. यह वह महीना है जब इस्लाम के आखिरी पैगंबर, हजरत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) का जन्म हुआ था. इस महीने में मुसलमान खास इबादतें करते हैं, दान-पुण्य करते हैं और पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की शिक्षाओं को याद करते हैं.