भारत के डर से पाकिस्तान ने आतंकी मसूद अजहर को दी सुरक्षा, जैश-ए-मोहम्मद के हेडक्वार्टर पर तैनात किया पुलिस फोर्स
भारत के कड़े रुख के बाद आखिरकार पाकिस्तान ने शुक्रवार को आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद के हेडक्वार्टर को कब्जे में ले लिया है. साथ ही सभी कामों के लिए अपना प्रशासक नियुक्त किया है. जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर ही पुलवामा आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है.
इस्लामाबाद: भारत के कड़े रुख के बाद आखिरकार पाकिस्तान ने पुलवामा हमला करने वाले आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद के हेडक्वार्टर को कब्जे में ले लिया है. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में इस आतंकी संगठन का दफ्तर है. इमराना सरकार ने जहां शुक्रवार शाम को पंजाब पुलिस को तैनात किया है. साथ ही संगठन के सभी कामों के लिए अपना प्रशासक भी नियुक्त किया है. जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर ही पुलवामा आतंकी हमले का असली गुनहगार है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की एक महत्वपूर्ण बैठक की. जिसमें पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की गई. इसी दौरान जैश-ए-मोहम्मद पर यह कार्यवाई करने का फैसला लिया गया. पाकिस्तानी सरकार ने बयान में बताया कि इस कार्रवाई का उद्देश्य हेड क्वार्टर को सुरक्षा प्रदान करना है.
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक जैश के मुख्यालय से जुड़े मामलों को देखने के लिए एक प्रशासक भी नियुक्त कर दिया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि जैश का सरगना मसूद अजहर भी यहीं पर मौजूद है और भारत के ऐक्शन के डर से उसे सुरक्षा दी गई है.
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में गत 14 फरवरी को पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे एक वाहन को केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक बस से टकरा दिया था जिससे 40 जवान शहीद हो गये थे. जैश-ए-मोहम्मद ने एक वीडियो जारी करके इस आतंकी हमले की बात कबूली थी. साथ ही अपने आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार के बारे में भी खुलासा किया था.
पुलवामा आतंकी हमले में पाकिस्तान की मिलीभगत की पोल खोलकर उसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की भारत की रणनीति काम कर रही है. आतंकवाद को एक राजकीय नीति के तौर पर इस्तेमाल करने में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने के लिए भारत ने पुलवामा हमले के तुरंत बाद पी-5 राष्ट्रों समेत 25 देशों के राजदूतों से जानकारी साझा की. पी-5 देशों में अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस शामिल हैं.
पाकिस्तान के करीबी और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो शक्ति प्राप्त चीन अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने की भारत की कोशिशों को कई बार विफल कर चुका है. 2009 और 2016 में अजहर पर प्रतिबंध के लिये भारत संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति के पास गया था. अजहर जनवरी 2016 में पठानकोट वायुसैनिक अड्डे पर हुए हमले का भी मास्टरमाइंड है. 2016 में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस भी इस प्रस्ताव पर भारत के साथ थे. 2017 में अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस के समर्थन से संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति में एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन के प्रमुख पर प्रतिबंध की मांग की गई थी.