Pollution In Pakistan: पाकिस्तान की जहरीली हवा! लाहौर में AQI 1000 के पार, पार्कों और खेल के मैदानों में एंट्री पर बैन

पाकिस्तान के लाहौर में सार्वजनिक और निजी पार्कों, चिड़ियाघरों, ऐतिहासिक स्थानों, स्मारकों, संग्रहालयों और खेल मैदानों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह कदम लाहौर की एयर क्वालिटी में भारी गिरावट के बाद उठाया गया है. लाहौर इस समय दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बना हुआ है.

लाहौर, 8 नवंबर: पाकिस्तान पंजाब की प्रांतीय सरकार ने शुक्रवार को सार्वजनिक और निजी पार्कों, चिड़ियाघरों, ऐतिहासिक स्थानों, स्मारकों, संग्रहालयों और मनोरंजन/खेल के मैदानों में लोगों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया. यह प्रतिबंध क्षेत्र में एयर क्वालिटी में भारी गिरावट के कारण लगाया गया, विशेष रूप से प्रांतीय राजधानी लाहौर में, जो दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बना हुआ है.

प्रांतीय सरकार की पर्यावरण संरक्षण एजेंसी की ओर से यह आदेश जारी किया गया. यह आदेश लाहौर के एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के एक दिन बाद आया, जो कई क्षेत्रों में 1000 अंक को पार कर गया.

एजेंसी के महानिदेशक इमरान हामिद शेख के अनुसार, प्रतिबंध लाहौर के अलावा शेखूपुरा, कसूर, ननकाना साहिब, गुजरांवाला, गुजरात, हफीजाबाद, मंडी बहाउद्दीन, सियालकोट, नारोवाल, फैसलाबाद, चिनियट, झांग, टोबा टेक सिंह, मुल्तान, लोधरान, वेहारी और खानेवाल जिलों में भी प्रभावी होगा.

शेख ने स्पष्ट किया कि आदेश का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

इससे पहले गुरुवार को, एक तीन वर्षीय लड़की ने लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) में प्रांतीय सरकार के खिलाफ याचिका दायर की, क्योंकि पूरा क्षेत्र धुंध के गंभीर प्रभाव से जूझ रहा है.

याचिकाकर्ता अमल सेखेरा ने अपने वकील के जरिए याचिका में कहा कि छोटे बच्चे और बुजुर्ग वायु प्रदूषण से गंभीर रूप से प्रभावित हैं और उन्होंने अपने लिए, दोस्तों और आने वाली पीढ़ियों के लिए इंसाफ की मांग की है.

याचिका में कहा गया है, "संविधान के अनुच्छेद 99-ए के तहत सरकार नागरिकों को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण प्रदान करने के लिए बाध्य है."

याचिका में पाकिस्तान के संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों की रक्षा करने में नाकाम रहने के लिए पंजाब सरकार की आलोचना की गई.

स्विस वायु गुणवत्ता मॉनीटर आईक्यूएयर के अनुसार, लाहौर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में शीर्ष पर रहा है, जहां कई बार एक्यूआई का स्तर 1000 से अधिक रहा है.

लगातार खराब मौसम के कारण लोगों का घर से बाहर निकलना नामुमकिन हो गया है. अस्पताल भी सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों से भर रहे हैं. खराब एयर क्वालिटी के कारण प्रांत के हजारों लोग सांस संबंधी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं.

प्रांतीय सरकार और डॉक्टरों ने सभी को घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनने की सलाह दी है.

प्रांतीय सरकार ने पूरे प्रांत में स्मॉग आपातकाल लागू कर दिया है. लाहौर तथा अन्य जिलों में उच्चतर माध्यमिक स्तर तक के सभी शैक्षणिक संस्थानों को 17 नवंबर तक बंद कर दिया है.

मुल्तान और गुजरांवाला जैसे कई अन्य शहर भी मौजूदा मौसम की स्थिति से बुरी तरह प्रभावित हैं.

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