VIDEO: पेरिस फैशन शो में खून से सनी पोशाक पहनकर पहुंच गई PETA कार्यकर्ता, शुतुरमुर्ग के पंख से कपड़े बनाने का जताया विरोध

भारत के बेंगलुरु की PETA कार्यकर्ता नताशा गार्नियर ने जानवरों के प्रति क्रूरता दिखाने के उद्देश्य से खून से लथपथ पोशाक पहनकर पेरिस फैशन शो में बाधा डाली. नताशा गार्नियर ने नकली पंखों से बना गाउन पहना था, जो जीवित त्वचा जैसा दिखता था.

Photo- X/@peta

France: भारत के बेंगलुरु की PETA कार्यकर्ता नताशा गार्नियर ने जानवरों के प्रति क्रूरता दिखाने के उद्देश्य से खून से लथपथ पोशाक पहनकर पेरिस फैशन शो में बाधा डाली. नताशा गार्नियर ने नकली पंखों से बना गाउन पहना था, जो जीवित त्वचा जैसा दिखता था. उन्होंने मंच पर एक साइन भी रखा था जिस पर लिखा था, "F*ck Feathers." नताशा ने पेरिस ओलंपिक में लेडी गागा द्वारा शुतुरमुर्ग के पंखों से बनी डायर ड्रेस पहनने का विरोध जताया.

गार्नियर का जन्म बेंगलुरु में हुआ और उनका पालन-पोषण मस्कट, ओमान में हुआ है. उन्होंने माउंट कार्मेल कॉलेज से फ्रेंच, संचार और समाजशास्त्र में स्नातक किया है. गार्नियर के माता-पिता बेंगलुरु के यशवंतपुरा में रहते हैं.

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पेरिस फैशन शो में खून से सनी पोशाक पहनकर पहुंच गई PETA कार्यकर्ता

पशु अधिकार समूह PETA ने दुनिया भर के डिजाइनरों से अपने संग्रह में पंखों का उपयोग न करने का संकल्प लेने का आग्रह किया है. पेटा ने दावा किया कि फैशन उद्योग में शुतुरमुर्गों का मुख्य रूप से उनके पंखों के लिए शोषण किया जाता है. युवा पक्षियों को ट्रकों में भरकर ले जाने से पहले बंजर चरागाहों में रखा जाता है, फिर उन्हें बूचड़खानों में ले जाकर बिजली के झटके दिए जाते हैं.

PETA ने आगे कहा कि डिजाइनरों की उच्च मांग को पूरा करने के लिए पंख बेचना एक स्थायी व्यवसाय मॉडल नहीं है. पंख फैशनेबल नहीं हैं, न ही चमड़ा, ऊन, फर और रेशम फैशनेबल हैं. सभी पशु-व्युत्पन्न सामग्री क्रूरता और मृत्यु का उत्पाद हैं.

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