Russia-Ukraine Conflict: यूक्रेन में बागियों के नियंत्रण वाले क्षेत्र के लोग रूसी सेना में हो सकते हैं शामिल
विक्टर वोडोलात्स्की ने शनिवार को कहा कि रूस समर्थित विद्रोहियों द्वारा 2014 से नियंत्रित क्षेत्रों के निवासियों को यूक्रेन के सैनिकों द्वारा हमले का डर है और जिनके पास रूसी पासपोर्ट हैं उनका सेना में स्वागत किया जाएगा.
Russia-Ukraine Conflict, 29 जनवरी: विक्टर वोडोलात्स्की ने शनिवार को कहा कि रूस समर्थित विद्रोहियों द्वारा 2014 से नियंत्रित क्षेत्रों के निवासियों को यूक्रेन के सैनिकों (Ukraine Army) द्वारा हमले का डर है और जिनके पास रूसी (Russia) पासपोर्ट हैं उनका सेना में स्वागत किया जाएगा. पड़ोसियों के साथ संबंधों पर संसदीय समिति के उपाध्यक्ष वोडोलात्स्की ने सरकारी समाचार एजेंसी तास को बताया, “यदि (क्षेत्रों में) रहने वाले रूसी नागरिक रूसी सशस्त्र बलों में शामिल होना चाहते हैं, तो रोस्तोव क्षेत्रीय सैन्य आयोग उन्हें पंजीकृत करेगा.”
रूस ने इन क्षेत्रों में पांच लाख से अधिक लोगों को पासपोर्ट प्रदान किए हैं. वोडोलात्स्की ने कहा कि रंगरूट रूस में काम करेंगे, लेकिन इससे यह विकल्प खुला रहेगा कि वे भविष्य के किसी भी आक्रमणकारी बल में शामिल हो सकते हैं रूस ने यूक्रेन के पास एक अनुमान के मुताबिक लगभग एक लाख सैनिक जमा किए हैं.
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेनी शहरों और “महत्वपूर्ण क्षेत्रों” पर कब्जा करने या “जबरदस्ती या भड़काऊ राजनीतिक कृत्यों” को अंजाम देने के लिए अनुमानित एक लाख सैनिकों के बल के किसी भी हिस्से का उपयोग कर सकते हैं.
रूस इस बात से इनकार करता रहा है कि वह आक्रमण की योजना बना रहा है, लेकिन यह तर्क देता है कि यूक्रेन एक सुरक्षा खतरा बन गया है. उसकी मांग है कि उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) वादा करे कि यूक्रेन को कभी गठबंधन में शामिल होने की अनुमति नहीं देगा तथा रूसी सीमाओं के पास गठबंधन हथियारों की तैनाती को रोकेगा व पूर्वी यूरोप से अपनी सेना को वापस बुलाएगा.
अमेरिका और नाटो इस हफ्ते औपचारिक रूप से इन मांगों को खारिज कर चुके हैं, यद्यपि अमेरिका ने उन क्षेत्रों को रेखांकित किया है जिन्हें लेकर बातचीत की संभावना है और इस बात का संकेत दिया कि युद्ध को टालने का एक रास्ता हो सकता है. रूसी राष्ट्रपति ने पश्चिमी प्रतिक्रिया के बारे में कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि इससे समझौते पर पहुंचने की बहुत कम गुंजाइश है.
लावरोव ने एक साक्षात्कार में रूसी रेडियो स्टेशन को बताया, “जब वे कहते हैं कि वे अपनी स्थिति नहीं बदलेंगे, हम भी अपनी स्थिति नहीं बदलेंगे.” उन्होंने कहा, “मुझे यहां समझौता करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं दिखती.”
एपी
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