पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था हुई और बदहाल, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी उछाल, विदेशी निवेशक भी छोड़ रहें हैं साथ
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Photo Credits: Instagram)

पाकिस्तान (Pakistan) की बदहाल अर्थव्यवस्था किसी से छुपी नहीं. आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान की हालात और बद्तर होते जा रहें हैं. आलम यह है कि पाकिस्तान में महंगाई का ग्राफ ऊपर चढ़ता जा रहा है. खाने के लिए सब्जियां हो या ट्रांसपोर्ट के लिए पेट्रोल-डीजल हर चीज के दाम आसमान छू रहें हैं. पाकिस्तान पहले से ही कंगाली की मार झेल रहा था लेकिन जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले के बाद भारत द्वारा की गई कार्रवाई से पाक की अर्थव्यस्था और खस्ता हो गई है. अपनी चरमराई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए इमरान सरकार ने गुरुवार को पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में काफी बढ़ोतरी की है. पेट्रोल, डीजल और केरोसिन के दामों में काफी इजाफा किया गया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पेट्रोल के दामों में 2.76 फीसदी की बढ़ोतरी की है. वहीं डीजल की कीमतों में 4.45 फीसदी. केरोसिन में 4.85 और लाइट डीजल में 3.33 फीसदी का इजाफा किया गया है. नई कीमतें लागू होने के बाद पेट्रोल की कीमत 92.88 रूपये हो गई है. वहीं डीजल की कीमत 111.43 रूपये प्रति लीटर और लाईट डीजल की कीमत 77.53 रुपये प्रति लीटर है. केरोसिन की कीमत 86.31 प्रति लीटर हो गई है. यह भी पढ़ें- OIC को भारत के खिलाफ इस्तेमाल करता था पाकिस्तान, वहीं से हो गया है अलग-थलग

पाकिस्तान सभी पेट्रोलियम उत्पादों पर 17 फीसदी जीएसटी लगाता है. इसके अलावा पेट्रोल पर 14 रुपये, डीजल पर 18 रुपये, केरोसिन पर छह रुपये और लाइट डीजल पर तीन रुपये टैक्स के तौर पर अतिरिक्त राशि ली जाती है.

कच्चे तेल के दाम बढ़े

देश में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए महंगा कच्चा तेल डॉलर में खरीदना पड़ रहा है. अभी कच्चा तेल 65 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. अगर 10 दिन तक कच्चे तेल की कीमतों में उछाल बना रहा तो फिर रुपया 142 रुपये प्रति डॉलर तक गिर सकता है. इससे पाकिस्तान की हालत और गंभीर हो सकती है. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार घटता जा रहा है जो पाक के लिए सबसे बड़ी परेशानी साबित हो रही है.

विदेशी निवेशक निकाल रहे हैं पैसा 

पाकिस्तान की अर्थव्यस्था को इस बीच एक और बड़ा झटका यह लगा है कि लगातार विदेशी निवेशक अपना पैसा निकाल रहें हैं. भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से पाक अर्थयवस्था पर भी बड़ा असर पड़ा है. विदेशी निवेशक अपना पैसा डूब जाने के डर से अपना पैसा निकाल रहें हैं. इस वजह से डॉलर की मांग काफी बढ़ गई है और रुपया लगातार गिर रहा है. बैंक भी विदेशी निवेशकों को डॉलर में भुगतान कर रहे हैं. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार घटता जा रहा है.