कंगाल पाकिस्तान की करेंसी ने बनाया नया रिकॉर्ड, डॉलर के मुकाबले 150 तक गिरा
खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए भले ही पाकिस्तान (Pakistan) को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से भारी-भरकम राहत पैकेज मिल गया हो लेकिन इसके बावजूद पड़ोसी देश की कंगाली दूर होने के आसार कम ही है.
इस्लामाबाद: खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए भले ही पाकिस्तान (Pakistan) को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से भारी-भरकम राहत पैकेज मिल गया हो लेकिन इसके बावजूद पड़ोसी देश की कंगाली दूर होने के आसार कम ही है. दरअसल पाकिस्तान की मुद्रा रुपया डॉलर के मुकाबले अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया है.
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक शुक्रवार को पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबले 150 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान का एक रुपया वहां के इंटरबैंक मार्केट में 149.50 रुपये और ओपन मार्केट में 150 रुपये में बिक रहा है. इससे पहले रुपया इसी सप्ताह 141 प्रति डॉलर पर आया था.
गौरतलब हो कि पाकिस्तान सरकार की पिछले सप्ताह आईएमएफ के साथ छह अरब डॉलर के राहत पैकेज पर बात पक्की हुई. इस समझौते के तहत आईएमएफ (IMF) खस्ताहाल अर्थव्यवस्था वाले पाकिस्तान को तीन वर्षों में छह अरब डॉलर का ‘बेलआउट पैकेज’ देगा.
आईएमएफ ने पैकेज पर सहमति बनने के बाद पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा था कि पाकिस्तान सुस्त आर्थिक वृद्धि, उच्च मुद्रास्फीति, अत्यधिक कर्ज और कमजोर बाह्य स्थिति के साथ चुनौतीपूर्ण आर्थिक माहौल से जूझ रहा है. इसलिए पाकिस्तान को अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए निर्णायक नीतियों एवं सुधारों को अमल में लाने की जरूरत है.
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बता दें कि पाकिस्तान खुद को गंभीर आर्थिक संकट से निकालने के लिए आईएमएफ से 8 अरब डॉलर का कोष चाहता था. इसके लिए पाकिस्तान पिछले आठ महीने से आईएमएफ के पीछे पड़ा हुआ था.
पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था की एक बड़ी वजह डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी मुद्रा का लगातार कमजोर होना भी है. अगर जल्द ही वहां के रुपए ने बढ़त हासिल नहीं की तो पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार समाप्त होने की कगार पर पहुंच सकता है.
पिछले साल पाकिस्तान सिविल सर्विसेज कर्मचारियों को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि पाकिस्तान पर 300 खरब रुपए का कर्ज है और देश को बचाने के लिए जवाबदेही बहुत जरुरी है. और यदि जवाबदेही नहीं होगी तो देश को बचाया नहीं जा सकता है.