पाकिस्तानी सेना ने झूठी रिपोर्टिंग के लिए BBC की कड़ी आलोचना की
पाकिस्तानी सेना के मेजर जनरल आसिफ गफूर (Photo Credits: Twitter)

इस्लामाबाद : पाकिस्तानी सेना (Pakistani Army ) ने देश के पश्चिमोत्तर में स्थित जनजातीय इलाके में मानवाधिकारों के उल्लंघन संबंधित एक रिपोर्ट के लिए ब्रिटिश मीडिया बीबीसी (BBC) की कड़ी आलोचना करते हुए उस रिपोट को झूठ का पुलिंदा बताया है. स्थानीय मीडिया ने बुधवार को यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सेना की मीडिया इकाई इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशन्स (Inter-Services Public Relations) के हवाले से कहा गया है कि दो जून को प्रकाशित लेख अनकवरिंग पाकिस्तान्स सीक्रेट ह्यूमन राइट्स एब्यूजेज के कंटेंट में बिना किसी सबूत के पाकिस्तानी सेना पर आरोप लगाए गए हैं.

बीबीसी की रिपोर्ट में दावा किया गया कि पश्चिमोत्तर में स्थित जनजातीय जिले उत्तर वजीरिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई के दौरान हवाई हमलों और जमीनी अभियानों में भारी संख्या में निर्दोष लोग मारे गए हैं. लेख की प्रमाणिकता पर सवाल उठाते हुए सेना ने कहा कि बीबीसी ने उसे एक प्रश्नावली भेजी थी, जिसके जवाब में उन्होंने पूरा अवसर जानने तथा तथ्य जानने के लिए उससे संवाद करने का प्रस्ताव दिया था. हालांकि, मीडिया संगठन ने इस पर कभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और पूर्वनिर्धारित और अनुमानित कहानी बना दी.

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बयान में कहा गया कि बीबीसी का लेख तत्कालीन व्याप्त माहौल की समझ और संदर्भ से परे है. आईएसपीआर ने कहा, "रिपोर्ट में तथाकथित घटना की दी गई तारीख में उत्तरी वजीरिस्तान में जिस अभियान की बात की गई है, वह अभी तक शुरू नहीं हुआ है. इस क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी देशभर में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने, उनकी योजना बनाने और संचालित करने के लिए करते रहे हैं."

इसके अनुसार, "पाकिस्तान में प्रति महीने 6-8 आतंकवादी घटनाएं होती हैं जिनमें महिलाओं, बच्चों, स्कूलों, चर्चो और बाजारों को निशाना बनाया जाता है. उत्तरी वजीरिस्तान में लोगों का कत्लेआम हो रहा है और आतंकवादी मारे गए लोगों के सरों से फुटबाल खेल रहे हैं." बीबीसी के लेख में प्रमाणित या विश्वसनीय सूत्र का अभाव है और यह सिर्फ अफवाहों पर आधारित है.