पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट में ही रहेगा, तुर्की और मलेशिया का मिला समर्थन: रिपोर्ट
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Photo Credits: IANS)

इस्पालामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के लिए एक बड़ी खबर है. अब तक कहा जा रहा था कि आतंकी फंडिंग और मनी लांड्रिंग पर नजर रखने वाली एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से वह इस बार बाहर हो जाएगा. लेकिन उसके लिए एक अच्छी खबर है कि वह एफएटीएफ की ग्रे सूची से बाहर नहीं होगा. बल्कि वह इस सूची में ही रहेगा. क्योंकि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (Financial Action Task Force) की बैठक में तुर्की और मलेशिया का मिला  उसे समर्थन मिला है. यदि इन दोनों प्रमुख देशों का पाकिस्तान को समर्थन नहीं मिलता तो वह ब्लैक लिस्ट में चला जाता.

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार पाकिस्तान एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में जाने से बच गया है. क्योंकि तुर्की और मलेशिया ने उसे अपना समर्थन दे दिया है.वहीं 'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने पेरिस में चल रही एफएटीएफ बैठक के सूत्रों के हवाले ये जानकादी देते हुए कहा कि इसमें 'पाकिस्तान द्वारा आतंक वित्तपोषण के खिलाफ उठाए गए कदमों पर संतोष व्यक्त किया गया. अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया कि आतंकवादी हाफिज सईद को दी गई सजा का उल्लेख करते हुए पाकिस्तानी अधिकारियों ने बैठक में कहा कि पाकिस्तान में न्यायपालिका पूरी तरह से स्वतंत्र है और वह मामले के गुण-दोष के आधार पर फैसले लेती है. यह भी पढ़े-इमरान सरकार की आतंकी समूहों पर कार्रवाई से संतुष्ट हुई FATF, अगले महीने हो सकता है ग्रे लिस्ट से बाहर

आतंकवादियों को आर्थिक मदद रोकने की दिशा में काम करने वाली संस्था एफएटीएफ की बैठक पेरिस में 16 फरवरी से शुरू हुई और यह 21 फरवरी तक चलेगी. इसमें इस बात की समीक्षा की जा रही है कि पाकिस्तान ने आतंक वित्तपोषण और धनशोधन पर लगाम के लिए उसे सौंपी गई 27 सूत्रीय कार्ययोजना पर किस हद तक अमल किया है। इसी पर पाकिस्तान का एफएटीएफ की ग्रे सूची में रहना या इससे निकलकर व्हाइट सूची या काली सूची में जाना निर्भर करेगा.

बता दें कि भारत समेत दूसरे अन्य देश पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों को लेकर उसे एफएटीएफ की लिस्ट से बाहर करने की मांग लगातार कर रहे हैं. हालांकि पाकिस्तान को अंतिम समय में हर बार किसी न किसी देश का समर्थन मिल ही जाता है. (इनपुट आईएएनएस)