Pakistan: इमरान खान आज पाकिस्तानी हाई कोर्ट में होंगे पेश, इस्लामाबाद में PTI करेगी शक्ति प्रदर्शन
Imran Khan (Photo Credit : Twitter)

इस्लमाबाद-11 मई: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय ने बड़ी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी को ‘गैर कानूनी’ करार दिया और उन्हें तत्काल रिहा करने का आदेश दिया. इससे पहले शीर्ष अदालत के निर्देश पर खान को उसके समक्ष पेश किया गया.

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान को कल सुबह 11 बजे इस्लामाबाद हाई कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने एनएबी और इस्लामाबाद पुलिस को इमरान खान की पुख्ता सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है. पीटीआई ने शक्ति प्रदर्शन के लिए समर्थकों से कल इस्लामाबाद पहुंचने का आह्वान किया है.

खान(70) को मंगलवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर से गिरफ्तार किया गया था और जवाबदेही अदालत ने उन्हें अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में आठ दिन के लिए राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) की हिरासत में भेज दिया था. Imran Khan Released: इमरान खान को SC से मिली रिहाई, पुलिस लाइन गेस्ट हाउस में बितेगी आज की रात

इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए और सरकार को इस्लामाबाद के साथ-साथ पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांतों में सेना की तैनाती करनी पड़ी थी. प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में कम से कम आठ लोगों की मौत हुई है. इस बीच, संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान के सुरक्षाबलों से संयम बरतने की अपील की है जबकि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने पूरे घटनाक्रम पर दुख जताया है.

उच्चतम न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल, न्यायमूर्ति मुहम्मद अली मजहर और न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह की तीन सदस्यीय पीठ ने बृहस्पतिवार को पूर्व प्रधानमंत्री खान को रिहा करने का फैसला गिरफ्तारी को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय द्वारा वैध करार दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया.

अल-कादिर ट्रस्ट मामले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर में अर्धसैनिक रेंजर्स द्वारा हिरासत में लिए जाने के तरीके पर नाराजगी जताई और एनएबी को उन्हें पेश करने का आदेश दिया.

खान को कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया गया. जैसे ही वह अदालत कक्ष में दाखिल हुए, उसके दरवाजे बंद कर दिए गए और उसके बाद पीठ ने मामले की सुनवाई शुरू की. अदालत ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद खान की गिरफ्तारी को ‘अवैध’ और बिना किसी औचित्य का करार दिया एवं उन्हें रिहा करने का आदेश दिया.

शीर्ष अदालत ने खान को निर्देश दिया कि वह शुक्रवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में अर्जी दें और आगे की कानूनी प्रक्रिया का अनुपालन करें. प्रधान न्यायाधीश ने कहा,‘‘उच्च न्यायालय जो भी फैसला देगा, आपको स्वीकार करना होगा.’’ न्यायमूर्ति बंदियाल ने यह भी कहा कि प्रत्येक नेता की जिम्मेदारी है कि वह कानून व्यवस्था सुनिश्चित करे.

सुनवाई के दौरान खान ने अदालत को बताया कि उनका ‘अदालत से तब अपहरण किया गया’ जब वह अपील दाखिल करने के लिए बायोमेट्रिक हाजिरी देने की तैयारी कर रहे थे. खान ने दावा किया कि उन्हें हिंसा का शिकार होना पड़ा, उनकी नृशंसता से पिटाई की गई और ऐसा व्यवहार किया गया जो अपराधियों के साथ भी नहीं होता है.

जब प्रधान न्यायाधीश ने प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई हिंसा की निंदा करने को कहा तो खान ने पूरे प्रकरण से खुद को अलग करते हुए कहा कि वह हिरासत में थे. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ऐसे पकड़ा गया जैसे मैं कोई आतंकवादी हूं. मैं कैसे खूनी प्रदर्शनों के लिए जिम्मेदार हो सकता हूं?’’

खान ने कहा कि उन्होंने कभी हिंसा का समर्थन नहीं किया. उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी से अपील करता हूं कि वे सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने से बचें.’’ पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि वह केवल चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं. खान के वकीलों ने अदालत के बाहर कहा कि उनके मुवक्किल ने भी प्रदर्शन रोकने की अपील की है.

शीर्ष अदालत ने रिहा करने का आदेश दिया लेकिन उन्हें घर जाने की अनुमति नहीं दी. अदालत ने उन्हें रात को राज्य की सुरक्षा में पुलिस अतिथि गृह में रहने को कहा और वहीं से शुक्रवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में रुख करने का निर्देश दिया. अदालत ने खान को 10 लोगों से मिलने की अनुमति दी.

न्यायमूर्ति बंदियाल ने कहा, ‘‘खान अतिथि गृह में बतौर मेहमान रहेंगे और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ आप (खान) वहां आराम करें, आगंतुकों से मिले और सोने चले जाएं.’’ खान की पार्टी ने इस फैसले का स्वागत किया है.

शीर्ष अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश को इस्तीफा दे देना चाहिए और अपनी सास की तरह खान की पार्टी में शामिल हो जाना चाहिए.

मरियम ने दावा किया कि लगता है कि प्रधान न्यायाधीश देश के राजकोष से 60 अरब रुपये गबन करने के आरोपी से मिलकर बहुत ही खुशी महसूस कर रहे थे और उससे भी ज्यादा कथित अपराधी को रिहा कर प्रसन्नता महसूस कर रहे हैं.’’

उन्होंने आरोप लगाया कि देश के अहम और संवेदनशील संस्थानों पर हमलों के लिए प्रधान न्यायाधीश जिम्मेदार हैं. मरियम ने कहा कि शीर्ष न्यायाधीश उपद्रवी (खान) का बचाव कर रहे हैं और आग में घी डालने का काम कर रहे हैं.

इससे पहले, सुनवाई शुरू होने पर प्रधान न्यायाधीश ने सवाल किया कि किसी व्यक्ति को अदालत परिसर से कैसे गिरफ्तार किया जा सकता है. न्यायमूर्ति मिनल्लाह ने कहा कि निश्चित रूप से खान अदालत परिसर में प्रवेश कर गए थे. उन्होंने कहा, ‘‘न्याय के अधिकार से किसी को कैसे वंचित किया जा सकता है.’’

इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि एजेंसी द्वारा किसी को भी अदालत परिसर में और रजिस्ट्रार की अनुमति के बिना गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए. अदालत ने कहा कि व्यक्ति द्वारा अदालत परिसर में दाखिल होने का अभिप्राय है कि वह अदालत में आत्मसमर्पण कर रहा है, फिर कैसे व्यक्ति को आत्मसमर्पण करने के बाद गिरफ्तार किया जा सकता है?

खान के वकील हामिद खान ने अदालत को सूचित किया कि उनके मुवक्किल इस्लामाबाद उच्च न्यायालय अग्रिम जमानत लेने गए थे लेकिन अर्धसैनिक रेंजर्स ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ रेंजर्स ने इमरान खान के साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें गिरफ्तार किया.’’

प्रधान न्यायाधीश ने सवाल किया, ‘‘अगर 90 लोग (रेंजर्स) परिसर में प्रवेश कर जाते हैं तो अदालत की क्या गरिमा रह जाती है? अदालत परिसर से किसी व्यक्ति को कैसे गिरफ्तार किया जा सकता है?’’

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने ‘अदालत की अवमानना’ की है. उन्होंने कहा, ‘गिरफ्तारी से पहले ब्यूरो को अदालत के रजिस्ट्रार से अनुमति लेनी चाहिए थी. अदालत के कर्मचारियों के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया.’

खान को मंगलवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर से गिरफ्तार किया गया था.

पाकिस्तान के राष्ट्रपति अल्वी ने देश में जारी राजनीतिक संकट और इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा पर दुख व्यक्त किया है. उन्होंने अपील की कि इस पूरे संकट का राजनीतिक समधान किया जाए बजाय उत्पीड़न की कार्रवाई और गिरफ्तारी के.

वर्ष 2018 में राष्ट्रपति बनने से पहले खान की पीटीआई के सदस्य रहे अल्वी ने ट्विटर पर कहा, ‘‘देश में मौजूदा स्थिति से चिंतित, हैरान और बहुत परेशान हूं.’’ उन्होंने स्वीकार किया कि विरोध प्रदर्शन प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक अधिकार है लेकिन यह ‘‘कानून की सीमा में रहकर किया जाना चाहिए.’’

अल्वी ने कहा,‘‘जिस तरह से कुछ उपद्रवी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं, खासतौर पर सरकारी और सैन्य इमारतों को, वह निंदनीय है. हमें फिर से राजनीतिक समाधान के बारे में सोचना चाहिए बजाय दमन या गिरफ्तारी के... उम्मीद है कि हालात सुधरेंगे.’’

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने पाकिस्तान में प्रदर्शनकारियों से हिंसा से बचने की अपील की. उन्होंने पाकिस्तान के सुरक्षाबलों से भी संयंम बरतने की अपील करते हुए कहा कि राजनीतिक विवाद का समाधान करने के लिए कानून का राज आवश्यक है.

तुर्क ने ट्वीट किया, ‘‘ इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध को हटाया जाना चाहिए. अभिव्यक्ति की आजादी, शांतिपूर्ण सभा और कानून का राज राजनीतिक विवादों का समाधान करने के लिए अहम है. अनुचित बल प्रयोग का कोई स्थान नहीं है. प्रदर्शनकारियों को हिंसा से बचना चाहिए.’’

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भी पाकिस्तान के हालात का संज्ञान लिया है. महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि गुतारेस ने पाकिस्तान के अधिकारियों से पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ कार्रवाई के दौरान तय प्रक्रिया का पालन करने और कानून का राज कायम रखने की अपील की है.

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