पाकिस्तान: हिंदू छात्रा नम्रता चंदानी की मौत के मामले में बड़ा खुलासा, DNA टेस्ट में शरीर और कपड़ों पर मिले पुरुष के निशान
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लरकाना की मेडिकल छात्रा नम्रता चंदानी की संदिग्ध हालात में मौत के मामले में सनसनीखेज जानकारी सामने आई है. नम्रता के शरीर व कपड़ों के नमूनों पर किसी पुरुष के डीएनए सैंपल के निशान मिले हैं.
लरकाना: पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लरकाना की मेडिकल छात्रा नम्रता चंदानी की संदिग्ध हालात में मौत के मामले में सनसनीखेज जानकारी सामने आई है. नम्रता के शरीर व कपड़ों के नमूनों पर किसी पुरुष के डीएनए सैंपल के निशान मिले हैं. 'रोजनामा पाकिस्तान' की रिपोर्ट के अनुसार, लरकाना स्थित शहीद मोहतरमा बेनजीर भुट्टो मेडिकल कॉलेज के बीबी आसिफा डेंटल कॉलेज की छात्रा नम्रता की डीएनए रिपोर्ट जारी कर दी गई है। जामशोरो की फॉरेंसिक लैब से जारी की गई इस रिपोर्ट के मुताबिक, नम्रता के शरीर के नमूनों और कपड़ों पर एक पुरुष के डीनए सैंपल के निशान मिले हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि लरकाना के एसएसपी मसूद बंगश ने बताया कि नम्रता की डीएनए रिपोर्ट संबंधित पुलिस स्टेशन को मिल चुकी है और इसे अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा.
लरकाना पुलिस ने बीती 16 सितंबर को नम्रता को मृत पाए जाने के बाद 17 सितंबर को उनके शरीर के नमूने और उनके कपड़े डीएनए जांच के लिए फॉरेंसिक लैब को भेज दिए थे। अब इसकी रिपोर्ट में बताया गया है कि इन पर पुरुष के डीएनए के निशान मिले हैं. नम्रता का शव 16 सितंबर को उनके हास्टल के कमरे में मिला था। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा और शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी कहा गया कि यह आत्महत्या का मामला हो सकता है, लेकिन नम्रता के परिजनों ने साफ कहा कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या का मामला है। नम्रता के भाई विशाल पेशे से चिकित्सक हैं. उन्होंने कहा था कि शव को देखकर यह कहा जा सकता है कि उनकी बहन की हत्या की गई है. यह भी पढ़े: पाकिस्तान: हिंदू छात्रा नम्रता कुमारी की मौत की न्यायिक जांच शुरू, क्लासमेट और परिजनों को भेजा गया नोटिस
पुलिस ने इस मामले में नम्रता के साथ पढ़ने वाले दो छात्रों को हिरासत में लिया था. इनमें से एक महरान अबरो की नम्रता से गहरी मित्रता पाई गई.अबरो का दावा है कि नम्रता उससे शादी करना चाहती थी लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं था और इस बात से वह काफी परेशान थी. नम्रता के घरवालों, सहपाठियों, हिंदू समुदाय और सिंध की सिविल सोसाइटी ने इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सरकार पर दबाव बनाया। इसके बाद इस मामले की न्यायिक जांच की जा रही है.