पाक विदेश मंत्री महमूद कुरैशी नहीं होंगे OIC की बैठक में शामिल, सुषमा स्वराज को 'गेस्ट ऑफ ऑनर' दिए जाने पर जताई आपत्ति

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी यूएई में इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की बैठक में शामिल नहीं होंगे. कुरैशी का कहना है कि "मैं विदेशमंत्रियों की काउंसिल बैठक में शिरकत नहीं करूंगा. यह उसूलों की बात है, क्योंकि भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को 'गेस्ट ऑफ ऑनर' के रूप में न्योता दिया गया है.

शाह महमूद कुरैशी और सुषमा स्वराज (File Photo)

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mehmood Qureshi) यूएई में इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की बैठक में शामिल नहीं होंगे. कुरैशी का कहना है कि "मैं विदेशमंत्रियों की काउंसिल बैठक में शिरकत नहीं करूंगा. यह उसूलों की बात है, क्योंकि भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) को 'गेस्ट ऑफ ऑनर' (Guest of Honour) के रूप में न्योता दिया गया है." बता दें कि इस संदर्भ में कुरैशी पहले ही बहिष्कार की बात कह चुके थे. कुरैशी ने भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर शामिल होने से आपत्ति जताई थी. पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव तथा रूस से दक्षिण एशिया में तनाव कम करने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाने की अपील की है.

बता दें कि इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) के देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में सम्मानित अतिथि के तौर पर शामिल होने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शुक्रवार को अबु धाबी पहुंच गई हैं. यह पहला मौका है जब भारत को सम्मानित अतिथि के रूप में इस बैठक में आमंत्रित किया गया है. उन्हें यूएई के विदेश मंत्री एचएच शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान (Abdullah bin Zayed Al Nahyan) ने 'गेस्ट ऑफ ऑनर' के रूप में आमंत्रित किया है. विदेश मंत्री पूर्ण बैठक को संबोधित करेंगी और द्विपक्षीय बैठकें करेंगी. यह भी पढ़ें- मोदी सरकार की बड़ी कार्रवाई, जम्मू-कश्मीर के जमात-ए-इस्लामी संगठन पर लगाया प्रतिबंध, आतंकवादी संगठनों से जुड़े होने का आरोप

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अबू धाबी में बैठक के उद्घाटन सत्र को सम्मानित अतिथि के रूप में संबोधित करेंगी. यह संगठन 57 देशों का प्रभावशाली समूह है. अधिकारियों ने इस बैठक में भारत को आमंत्रित किए जाने को अरब और मुस्लिम-बहुल देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों में विदेश नीति की महत्वपूर्ण सफलता बताया है.

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