Microplastic In Blood: पहली बार इंसान के खून में मिला प्लास्टिक के टुकड़ा, 80 फीसदी लोगों का ब्लड दूषित

अब इंसान के खून में भी माइक्रोप्लास्टिक पाए जाने लगे हैं. ऐसा मामला पहली बार सामने आया है जो बेहद खतरनाक और चौकाने वाला है.

(Photo Credit : Twitter/Pixabay)

Microplastic In Human Blood, 25 मार्च: वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि 80 फीसदी लोगों के खून में माइक्रोप्लास्टिक पहुंच गया है। इससे लोगों का खून दूषित हो गया है और कई तरह की बीमारियों जन्म ले रही हैं. काफी समय पहले से लोगों से प्लास्टिक का इस्तेमाल बैन (Plastic Ban) करने की अपील की जा रही है. प्लास्टिक समय के साथ खत्म नहीं होता. ये ऐसे पदार्थ से बना होता है कई ये हमेशा के लिए दुनिया में गंदगी फैलाने के लिए मौजूद रह जाता है. Video: यहां 4 हजार साल पहले जमीन के नीचे दफन किया था राज, खुदाई के बाद आया सामने, देखिए वीडियो

डच रिसर्चर्स के नए शोध में पाया गया है कि अब इंसान के खून में भी माइक्रोप्लास्टिक (Microplastic In Human Blood) पाए जाने लगे हैं. ऐसा मामला पहली बार सामने आया है जो बेहद खतरनाक और चौकाने वाला है.  नीदरलैंड में किए गए रिसर्च के मुताबिक मानव शरीर में पॉलीथाइलीन टेरीप्थलेट की मात्रा पाई गई है. यह प्लास्टिक पानी की बोतल, कपड़ों या फिर खाने-पीने की सामग्री को पैक करने में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होती है. ब्रिटिश अखबार इंडिपेंडेंट में यह शोध प्रकाशित किया गया है.

रिसर्चर्स में टेस्ट के लिए 22 स्वस्थ लोगों के खून के सैंपल लिए गए थे. इनमें से 17 के खून से माइक्रोप्लास्टिक मिले हैं. इसमें पांच तरह की प्लास्टिक का टेस्ट किया गया, जिनमें पॉलीप्रोपाइलीनी, पोलीस्टाइरीन, पालीमिथाइल मेथाक्रिलेट, पॉलीथाईलीन और पॉलीथाइलीन टेरेप्थलेट शामिल हैं. प्लास्टिक के टुकड़े बॉडी के अंदर जाकर ऑर्गन्स में चिपक जाते हैं और उसे ब्लॉक कर देते हैं. शोध में शामिल सारे 22 लोग बिलकुल स्वस्थ थे और उन्हें किसी तरह की बीमारी नहीं थी. इसके बाद भी जब टेस्ट सैंपल में प्लास्टिक के कण निकले तो रिसर्चर्स हैरान रह गए.

माइक्रोप्लास्टिक के कण लोगों के दिमाग, पेट में चिपका पाया गया. द गार्डियन को दिए इंटरव्यू में नीदरलैंड के वृजे यूनिवर्सिटी एम्स्टर्डम के प्रोफ़ेसर डिक वैठक ने कहा कि ये काफी शॉकिंग है. इतना पॉल्यूशन बढ़ गया है कि अब ये गंदगी सांस लेने के साथ इंसान की बॉडी के अंदर जाने लगा है.  माइक्रोप्लास्टिक बेहद छोटे होते हैं. ये शरीर के अंदर चले जाते हैं. इसके बाद बॉडी ऑर्गन्स को अंदर से जाम करने लगते हैं. स्टडी के मुताबिक़, एक इंसान हर दिन करीब 7 हजार माइक्रोप्लास्टिक के कण को बॉडी के अंदर ले जाता है.

 

Share Now

\