तुर्की के राष्ट्रपति का दावा, पत्रकार खाशोगी की हत्या एक सोची समझी साजिश थी
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने मंगलवार को सऊदी अरब के उस दावे का खारिज कर दिया जिसमें पत्रकार जमाल खाशोगी की मौत को 'आकस्मिक' बताया गया है। उन्होंने कहा कि यह 'पूर्व नियोजित' और 'क्रूर' हत्या थी
अंकारा: तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने मंगलवार को सऊदी अरब के उस दावे का खारिज कर दिया जिसमें पत्रकार जमाल खाशोगी की मौत को 'आकस्मिक' बताया गया है. उन्होंने कहा कि यह 'पूर्व नियोजित' और 'क्रूर' हत्या थी. इसके साथ ही उन्होंने सऊदी अरब से इस हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों को मुकदमे का सामना करने के लिए तुर्की को सौंपने का आग्रह किया. दैनिक समाचार पत्र हुर्रियत की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति ने सत्तारूढ़ जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी के संसदीय समूह की बैठक में अपने बहुप्रतीक्षित संबोधन में कहा, "तुर्की सुरक्षा सेवा के पास सबूत है कि (खाशोगी की) हत्या सुनियोजित तरीके से की गई.
तुर्की और विश्व को तभी संतुष्टि मिलेगी जब इस हत्या के सभी योजनाकारों और दोषियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा..अन्य देशों को निश्चिय ही इस जांच में शामिल होना चाहिए."उन्होंने कहा, "तुर्की अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की संयुक्त अंतरात्मा बन गया है। इस तरह के जघन्य अपराध को करना और इसे छिपाना मानवता के जमीर के खिलाफ है."राष्ट्रपति ने हालांकि इस संबंध में कोई भी ओडियो या वीडियो सबूत पेश नहीं किया, जिसका उनकी सरकार दावा करती रही है. यह भी पढ़े: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा- अगर पत्रकार जमाल खाशोगी की हुई है हत्या, सऊदी अरब भुगतेगा गंभीर परिणाम
एर्दोगन ने दावा किया कि वाशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के कटु आलोचक खाशोगी अपने विवाह संबंधी दस्तावेज लेने 28 सितंबर को पहली बार इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्यिक दूतावास आए थे। उनके इसी दौरे के साथ उनकी हत्या की योजना बनाई गई.उन्होंने कहा कि खाशोगी के लापता होने से एक दिन पहले सऊदी नागरिकों का तीन समूह इस्तांबुल आया। इनमें तीन सदस्यों का वह समूह भी शामिल था, जो बेलग्राड फारेस्ट गया था। यह वही जगह है जिसकी तुर्की जांचकर्ताओं ने लापता पत्रकार के अवशेषों के संभावित ठिकाने के रूप में तलाश की थी.
एर्दोगन ने कहा, "सऊदी नागरिकों का अन्य नौ सदस्यीय दल, जिसमें जनरल भी शामिल थे, 2 अक्टूबर को तड़के एक निजी जेट विमान से यहां पहुंचा। जब खाशोगी महावाणिज्य दूत से मुलाकात करने के लिए गए तो 15 सदस्यीय मजबूत समूह ने खाशोगी की अगवानी की, जबकि उनकी मंगेतर बाहर इंतजार करती रही."राष्ट्रपति ने कहा, "खाशोगी उस दिन अपरान्ह अंदर गए और फिर दोबारा कभी बाहर नहीं आए। कथित हत्या से पहले वाणिज्य दूतावास के कैमरा सुरक्षा नेटवर्क की हार्डडिस्क को क्षतिग्रस्त कर दिया गया." यह भी पढ़े: सऊदी अरब ने की पत्रकार जमाल खशोगी के मारे जाने की पुष्टि, तुर्की अखबार का दावा-मारकर लाश के टुकड़े किए गए
उन्होंने कहा, "मैंने (सऊदी अरब के शाह) किंग सलमान से 14 अक्टूबर को बातचीत की और एक संयुक्त जांच टीम का गठन किया। इसके बाद हमारे अधिकारी वाणिज्यिक दूतावास और वाणिज्य दूत के आवास में प्रवेश कर सके..हत्या के 17 दिन बाद सऊदी अरब ने माना कि खाशोगी की वाणिज्य दूतावास के अंदर हत्या कर दी गई."उन्होंने कहा, "हमने दूसरी बार फोन पर बात की और उन्होंने हमें बताया कि 15 सदस्यीय टीम के सदस्य, जिन्हें हमने बेनकाब किया था, समेत 18 सऊदी नागरिकों को इस हत्या के संबंध में और सऊदी अरब में गिरफ्तार किया गया है."
एर्दोगन ने मामले में सऊदी अरब के 'असंगत बयानों' की आलोचना की। सऊदी अरब ने पिछले हफ्ते स्वीकार किया था कि खाशोगी की धक्का-मुक्की (फिस्ट फाइट) के दौरान मौत हो गई थी. बाद में रॉयल पेलैस से जुड़े सूत्र ने सीएनएन से कहा कि उनकी मौत गला दबने की वजह से हुई है. रविवार को सऊदी अरब के विदेश मंत्री अदेल अल-जुबैर ने खाशोगी की मौत को 'हत्या' और एक 'भयंकर गलती' बताया.
एर्दोगान ने सऊदी अरब से अनुरोध किया कि वह मामले में गिरफ्तार 18 सदस्यों को तुर्की को सौंप दे ताकि उन पर मुकदमा चलाया जा सके. उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से यह कहा जा सकता है कि अपराध सऊदी सार्वभौम क्षेत्र (सऊदी वाणिज्य दूतावास) में हुआ है लेकिन सच यही है कि यह तुर्की की सीमा के अंदर हुआ है.