पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी चुनाव प्रचार के लिए अपने नेता के एआई क्लोन का इस्तेमाल कर रही है. इमरान खान जेल में बंद हैं.इमरान खान को भ्रष्टाचार के आरोपों में तीन साल की जेल हुई थी जिसे अगस्त में निलंबित कर दिया गया था. लेकिन अभी भी वह जेल में ही हैं. उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) ने अगले साल होने वाले आम चुनाव के लिए प्रचार में उनकी आवाज का इस्तेमाल करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लिया है.
हाल ही में इमरान खान की पार्टी ने एक वर्चुअल रैली का आयोजन किया था जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से इमरान खान की आवाज में ऑडिया तैयार की गई. इस आवाज में जो भाषण प्रसारित हुआ उसे इमरान खान ने जेल में ही लिखा था और पार्टी के मुताबिक उसे वकीलों ने भी जांचा था.
एआई से भाषण
इमरान खान खुद वीडियो में भाषण देते नजर आ रहे थे. हालांकि यह वीडियो एआई द्वारा बनाया गया था. चार मिनट लंबे इस भाषण में इंटरनेट के कारण काफी रुकावटें आईं. कुछ लोगों ने संदेह जताया कि ये रुकावटें जानबूझ कर पैदा की गई थीं. इंटरनेट की निगरानी करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था नेटब्लॉक्स के मुताबिक ये रुकावटें वैसी ही थीं जैसे इमरान खान के भाषणों के दौरान पहले भी होती रही हैं.
भाषण में खान ने कहा, "मेरे प्यारे पाकिस्तानियो, सबसे पहले पहले तो मैं इस ऐतिहासिक कोशिश के लिए सोशल मीडिया टीम की तारीफ करना चाहूंगा. शायद आप लोग सोच रहे होंगे कि जेल में मेरा क्या हाल है. आजाद होने की मेरी इच्छा बहुत मजबूत है.”
खान ने लोगों से आग्रह किया कि 8 फरवरी को होने वाले मतदान में वे बढ़-चढ़कर हिस्सा लें. उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी को रैलियां करने की इजाजत नहीं है… हमारे लोगों को अगवा किया जा रहा है और उनके परिवारों को परेशान किया जा रहा है.”
पीटीआई ने कहा कि इस वर्चुअल रैली को यूट्यूब, एक्स और फेसबुक पर 60 लाख लोगों ने देखा. पार्टी के मीडिया सलाहकार जुल्फीकार बुखारी ने कहा कि पीटीआई को तीखी पाबंदियों का सामना करना पड़ रहा है और इमरान खान पर किसी भी सार्वजनिकया राजनीतिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने की इजाजत नहीं है.
बुखारी ने कहा, "हमने सोचा कि अगर कुछ सीधा खान साहब की तरफ से आए तो वोटरों को प्रोत्साहित करने के लिए बेहतर होगा.”
‘सत्ता से बाहर रखने की साजिश'
बुखारी ने अंतरिम सरकार पर इंटरनेट को धीमा करने जैसे हथकंडे अपनाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि रैली की पहुंच करने के लिए ऐसे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद राजनीति में आए इमरान खान को अदालत ने 5 अगस्त को तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी. उन पर 2018 से 2022 के अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान मिले तोहफों को बेचने और उससे मिले धन को उजागर ना करने के आरोप थे. सजा होने के कारण उन पर पांच साल तक चुनाव लड़ने का प्रतिबंध लग गया था.
खान के वकीलों का कहना है कि उन्हें सत्ता से बाहर रखने के लिए ही सौ से ज्यादा आरोप लगाए गए हैं. इनमें हिंसक प्रदर्शनों का आयोजन करने और गोपनीय सूचनाओं को लीक करने जैसे आरोप शामिल है जिनके लिए उनके खिलाफ वॉरंट जारी हो चुके हैं. खान का कहना है कि ये सारे आरोप निराधार हैं और राजनीति से प्रेरित हैं.
विवेक कुमार (रॉयटर्स)