Israel-Hamas War: गाजा में इजरायली हमलों में 43,000 हजार से ज्यादा लोग की मौत, 1,01,110 घायल

गाजा पट्टी पर जारी इजरायली हमलों में फिलिस्तीनियों की मौत का आंकड़ा 43,000 से अधिक हो गया. वहीं 101,110 लोग इन हमलों की वजह से घायल हुए हैं.

गाजा, 29 अक्टूबर : गाजा पट्टी पर जारी इजरायली हमलों में फिलिस्तीनियों की मौत का आंकड़ा 43,000 से अधिक हो गया. वहीं 101,110 लोग इन हमलों की वजह से घायल हुए हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों ने सोमवार को एक बयान में कहा कि पिछले 48 घंटों के दौरान, इजरायली सेना के हमलों में 96 लोग मारे गए और 277 अन्य घायल हो गए. बयान में कहा गया कि कई पीड़ित अभी भी मलबे के नीचे हैं और एम्बुलेंस तथा नागरिक सुरक्षा दल उन तक नहीं पहुंच पाए.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने सोमवार को एक बयान में कहा कि उसके सैनिकों ने गाजा में टारगेटेड छापेमारी जारी रखी. इससे पहले, आईडीएफ ने दावा किया कि उसने गाजा के जबालिया में कमाल अदवान अस्पताल में एक ऑपरेशन के दौरान लगभग 100 आतंकवादियों को पकड़ा. आईडीएफ ने कहा कि यह ऑपरेशन खुफिया जानकारी के बाद किया गया, जिसमें संकेत था कि 'आतंकवादियों ने अस्पताल के अंदर खुद को छिपा लिया है.' यह भी पढ़ें : देश की खबरें | केरल: मंदिर में उत्सव के दौरान दुर्घटना में 150 से अधिक लोग घायल, 10 गंभीर रूप से घायल

आईडीएफ के मुताबिक छापेमारी का उद्देश्य 'आतंकवादी गतिविधियों को नाकाम करना और आतंकवादियों को पकड़ना' था. इस बीच, अस्पताल के निदेशक हुसाम अबू सफिया ने एक्स पर अस्पताल और उसके मरीजों, कर्मचारियों को आगे के इजरायली हमलों से बचाने के लिए अलर्ट किया. उन्होंने बताया कि अस्पताल के 31 कर्मचारियों को या तो पकड़ लिया गया या गिरफ्तार कर लिया गया. हमास ने पिछले साल 7 अक्टूबर को इजरायल में हमला किया था. हमले में करीब 1200 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 250 से अधिक लोगों कों बंधक बना लिया था. इसके बाद से इजरायल हमास के कंट्रोल वाली गाजा पट्टी पर हमले कर रहा है.

इजरायली हमलों ने गाजा को तबाह कर दिया है. हाल ही में यूएन अधिकारी फिलिप लाजारिनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर संयुक्त राष्ट्र के एक नवीनतम अध्ययन का हवाला देते हुए कहा था कि युद्ध ने फिलिस्तीनी अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है. गाजा की लगभग पूरी आबादी गरीबी में जी रही है, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्र 70 साल पीछे चले गए हैं.

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