Israel Hamas War: हमास के आतंकियों ने इजरायलियों को मारने की हिम्‍मत जुटाने के लिए उत्तेजक दवा कैप्टागन ली थी- रिपोर्ट

इजरायल पर 7 अक्टूबर को अचानक हमला करने वाले हमास के आतंकवादियों पर कैप्टागन गोलियों का असर पाया गया. यह सिंथेटिक एम्फ़ैटेमिन जैसा उत्तेजक पदार्थ है, जिसे दक्षिणी यूरोप में गुप्त रूप से उत्पादित किया जाता है और तुर्किये के जरिए अरब प्रायद्वीप के बाज़ार में उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाता है. यह बात चैनल 12 की खबरों में कही गई.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

नई दिल्ली, 21 अक्टूबर : इजरायल पर 7 अक्टूबर को अचानक हमला करने वाले हमास के आतंकवादियों पर कैप्टागन गोलियों का असर पाया गया. यह सिंथेटिक एम्फ़ैटेमिन जैसा उत्तेजक पदार्थ है, जिसे दक्षिणी यूरोप में गुप्त रूप से उत्पादित किया जाता है और तुर्किये के जरिए अरब प्रायद्वीप के बाज़ार में उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाता है. यह बात चैनल 12 की खबरों में कही गई. येरुसलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल की धरती पर जान गंवाने वाले कई आतंकवादियों के लिबास की जेब से कैप्टागन गोलियां बरामद की गईं. इस उत्तेजक दवा को "गरीबों के लिए कोकीन" भी कहा जाता है. यह दवा आतंकवादियों को शांति और उदासीनता की भावना से उबारती है और जघन्य कृत्य करने के लिए उकसाती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दवा ने उन्हें लंबे समय तक अत्यधिक सतर्क रखा और उनकी भूख को दबा दिया.

कैप्टागन दवा 2015 में तब चर्चा में आई थी, जब पता चला कि आईएस के लड़ाके इसका इस्तेमाल आतंकवादी अभियानों को अंजाम देने से पहले अपने अंदर के डर को दबाने के लिए करते हैं. जैसे ही आईएस जैसे आतंकवादी संगठनों का प्रभाव कम हुआ, लेबनान और सीरिया ने कमान अपने हाथ में ले ली और बड़े पैमाने पर इस दवा का उत्पादन और वितरण शुरू कर दिया. येरुससलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, गाजा विशेष रूप से नशे के आदी युवाओं के बीच नशीली दवाओं के लिए एक लोकप्रिय बाजार बन गया है. यह भी पढ़ें :Israel Hamas War: हमास-इजरायल संघर्ष शुरू होने के बाद से मारे गए 22 पत्रकार

कैप्टागन एम्फ़ैटेमिन मनोरोग की दवा है. इसे शुरू में ध्यान केंद्रित न कर पाने वाले रोगियों, नार्कोलेप्सी और अवसाद को खत्‍म करने के लिए विकसित किया गया था. इसकी अत्यधिक नशे की लत प्रकृति और मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रियाओं को प्रेरित करने की क्षमता के बावजूद यह अपनी सामर्थ्य और निर्माण में आसानी के कारण मध्य-पूर्व में लोकप्रिय है. गरीब देशों में यह दवा एक या दो डॉलर में खरीदी जा सकती है, जबकि अमीर देशों में इसकी कीमत 20 डॉलर प्रति गोली तक हो सकती है. लेबनान और सीरिया में चिकित्सा पेशेवरों के अनुसार, कैप्टागन न केवल लड़ाकों के बीच प्रचलित है, बल्कि संघर्ष करते-करते हताश हो जाने वाले नागरिक भी अक्सर इसका उपयोग करते हैं.

येरुसलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, कभी ड्रग तस्करी के माध्यम से आईएसआईएस सदस्यों के लिए राजस्व का स्रोत रहा कैप्टागन अब सीरिया के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत बन गया है और हिजबुल्लाह द्वारा सक्रिय रूप से समर्थित है. लगभग दो साल पहले, द न्यूयॉर्क टाइम्स ने खुलासा किया था कि सीरियाई तानाशाह बशर असद, उनके परिवार के सदस्यों और उनसे नाता रखने वाले व्यक्तियों ने कैप्टागन के उत्पादन के लिए उद्योग स्थापित किया था. सीरिया में नशीली दवाओं के व्यापार से होने वाला मुनाफा वैध निर्यात से होने वाले मुनाफे से अधिक है. विश्‍वसनीय अनुमान बताते हैं कि अकेले सीरिया से कैप्टागन का निर्यात 2020 में न्यूनतम 3.5 अरब डॉलर तक पहुंच गया. यह आंकड़ा सीरिया के कानूनी निर्यात उद्योगों के संयुक्त मूल्य से पांच गुना अधिक है, जिसका अनुमान केवल 70 करोड़ डॉलर से अधिक है.

विशेषज्ञों का मानना है कि ये अनुमान काल्पनिक हैं और वास्तविक बाजार मूल्य बहुत अधिक होने की संभावना है. उदाहरण के लिए सऊदी अरब में यह अनुमान लगाया गया है कि कैप्टागन की खपत सालाना 60 करोड़ गोलियों से अधिक है, जिससे हर साल कम से कम 9 अरब डॉलर से 12 अरब डॉलर कमाए जाते हैं. इटली, ग्रीस, मलेशिया और मिस्र में कैप्टागन की महत्वपूर्ण बरामदगी के साथ दवा की पहुंच सऊदी अरब से परे तक फैली हुई है. जॉर्डन में यह कम कीमत पर आसानी से उपलब्ध है, जिससे यह स्कूली उम्र के युवाओं सहित वंचित युवाओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. येरुसलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, बिना किसी संदेह के कैप्टागन का प्रचलन हर साल बढ़ रहा है. दिसंबर 2021 में कुवैती अधिकारियों ने संतरे की एक खेप में छिपाई गई नौ मिलियन कैप्टागन गोलियां जब्त कीं. ठीक एक सप्ताह पहले, दुबई के अधिकारियों ने नींबू के एक कार्गो के भीतर छिपाकर रखी गई लगभग 380 मिलियन डॉलर कीमत की 1.5 टन कैप्टागन गोलियों की तस्करी पकड़ी थी.

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