VIDEO: 120 कमांडो, 21 फाइटर जेट...इजराइल का खतरनाक खुफिया मिशन! सीरिया में बम से उड़ाया ईरानी मिसाइल कारखाना

इज़राइल ने सीरिया में अंडर ग्राउंड ईरानी मिसाइल कारखाने को तबाह कर दिया, 120 कमांडो ने तीन घंटे के ऑपरेशन में भारी बमबारी की. यह कारखाना हिज़्बुल्लाह को मिसाइल सप्लाई करने के लिए बनाया गया था.

(Photo : AI)

इज़राइल ने बताया है कि उसने सीरिया में ईरान के एक छिपे हुए मिसाइल कारखाने को कैसे तबाह किया. 8 सितंबर 2024 को "ऑपरेशन मेनी वेज़" नाम के इस मिशन में 120 कमांडो ने हिस्सा लिया. यह कारखाना, जिसे "डीप लेयर" कहा जाता था, पश्चिमी सीरिया के मस्यफ इलाके में एक पहाड़ के नीचे बना था, जहाँ सीरिया की हवाई सुरक्षा बहुत मज़बूत है. इज़राइल का कहना है कि ईरान यहाँ हिज़्बुल्लाह और सीरियाई सरकार के लिए खतरनाक मिसाइलें बना रहा था. इज़राइल के किसी भी सैनिक को इस मिशन में चोट नहीं आई.

पहाड़ के नीचे छिपा कारखाना

2017 में, इज़राइल ने सीरिया में ईरान के एक मिसाइल कारखाने पर हमला किया था. इसके बाद, ईरान ने अपने कारखाने ज़मीन के नीचे बनाना शुरू कर दिए ताकि वे सुरक्षित रहें. "डीप लेयर" 70 से 130 मीटर गहराई में बना था और 2021 में काम करना शुरू कर दिया था. इसमें रॉकेट ईंधन बनाने, मिसाइल तैयार करने, और रंग करने के अलग-अलग कमरे थे. इज़राइल का अनुमान है कि यह कारखाना हर साल 100 से 300 मिसाइलें बना सकता था, जो 300 किलोमीटर तक मार कर सकती थीं. यह जगह इज़राइल की सीमा से सिर्फ़ 200 किलोमीटर दूर थी, जिससे ईरान आसानी से हिज़्बुल्लाह को मिसाइलें भेज सकता था.

महीनों की तैयारी

इज़राइल कई सालों से इस कारखाने पर नज़र रखे हुए था. 2023 में शुरू हुए युद्ध के बाद, इस मिशन को और तेज़ी से अंजाम देने का फ़ैसला लिया गया. इसके लिए खास कमांडो यूनिट, "शाल्डग" और "यूनिट 669" को चुना गया. दो महीने तक कमांडो ने कड़ी ट्रेनिंग ली और हर तरह की मुश्किल के लिए तैयारी की. मिशन के लिए अच्छे मौसम वाला दिन चुना गया.

तीन घंटे में काम तमाम

चार बड़े हेलीकॉप्टरों में 120 कमांडो सवार होकर सीरिया की तरफ़ रवाना हुए. उनके साथ कई लड़ाकू विमान, ड्रोन और टोही विमान भी थे. सीरिया के रडार से बचने के लिए, वे समुद्र के ऊपर से और ज़मीन के बहुत पास उड़ान भर रहे थे. ध्यान भटकाने के लिए, इज़राइली विमानों ने सीरिया में दूसरी जगहों पर भी हमले किए.

कारखाने के पास पहुँचकर, कमांडो ज़मीन पर उतरे और फोर्कलिफ्ट की मदद से अंदर घुस गए. उन्होंने कारखाने में 660 पाउंड से ज़्यादा विस्फोटक लगाए और फिर दूर से ही उन्हें उड़ा दिया. इस धमाके से ज़मीन हिल गई और कारखाना पूरी तरह से तबाह हो गया. पूरा मिशन तीन घंटे से भी कम समय में पूरा हो गया. इज़राइल के मुताबिक़, इस हमले में लगभग 30 सीरियाई सैनिक मारे गए, जबकि सीरिया का कहना है कि 14 लोग मारे गए और 43 घायल हुए.

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