एक ओर भारत बाल विवाह की कुरीति को खत्म करने की हर कोशिश कर रहा है और कई हद तक इसमें कामयाब भी हो चुका है तो, वहीं दूसरी और इराक बाल विवाह को वैध बनाना चाहता है. इराक में लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र घटाने की पुरजोर कोशिश जारी है. यहां लड़कियों के लिए शादी की कानूनी उम्र फ़िलहाल 15 साल है जिसे घटाकर 9 साल किए जाने की योजना पर काम हो रहा है. इराक में शिया इस्लामिस्ट पार्टियां "अल-जाफरी" या व्यक्तिगत स्थिति कानून (कानून संख्या 188) में संशोधन करने और लड़कियों के लिए विवाह की स्वीकार्य आयु को वर्तमान कानूनी सीमा 18 वर्ष (धार्मिक सीमा 15 वर्ष है) से घटाकर केवल 9 वर्ष करने पर जोर दे रही हैं.
इस कमी का प्रस्ताव करने वाला मसौदा विधेयक स्वतंत्र सांसद राएड अल-मलिकी द्वारा पेश किया गया था. यदि यह पारित हो जाता है, तो यह विधेयक इराक में बाल विवाह को वैध बना देगा. यह विधेयक अदालतों के बजाय "शिया और सुन्नी बंदोबस्त के कार्यालयों" से धार्मिक प्रमुखों को विवाह को अंतिम रूप देने की अनुमति भी देगा.
15 से 9 साल हो जाएगी शादी की उम्र?
BREAKING:
Iraq’s Parliament takes the first step to lower the legal age of marriage for girls from 15 to 9. pic.twitter.com/96z3YCAVHK— Globe Eye News (@GlobeEyeNews) August 8, 2024
बाल विवाह पर इराक का जोर
IRAQ TO LOWER MARRIAGE AGE FOR GIRLS TO 9
Iraq’s parliament is reportedly about to lower the marriage age for girls from 15 to 9.
Similar practices exist elsewhere: in Sudan, it’s 10.
In Afghanistan and Yemen, girls as young as 6 are married off under the guise of reaching… pic.twitter.com/7QEd1asXJ8
— Mario Nawfal (@MarioNawfal) August 8, 2024
इराकी लोगों ने इस विधेयक के खिलाफ एक प्रदर्शन में विरोध प्रदर्शन किया और व्यक्त किया कि कैसे ये परिवर्तन इराक में महिलाओं और बच्चों के अधिकारों और कल्याण पर नकारात्मक प्रभाव डालेंगे. महिला अधिकार कार्यकर्ता सुहालिया अल असम ने द नेशनल को बताया, "इराकी समुदाय इन प्रस्तावों को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करता है, यह इराकी पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए एक अपमानजनक कदम है. हम इसी के खिलाफ सालों से लड़ रहे हैं."