'भारत ने कनाडा में हिंसा फैलाने की साजिश रची', कनाडाई मंत्री ने मोदी के करीबी पर लगाया बड़ा आरोप
कनाडा ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कनाडा के विदेश उप मंत्री ने दावा किया है कि मोदी सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आपराधिक साजिश को मंजूरी दी. कनाडाई पुलिस ने भारतीय राजनयिकों पर हिंसा को बढ़ावा देने के लिए जानकारी जुटाने और निर्देश देने का आरोप लगाया है.
भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव लगातार बढ़ रहा है. हाल के घटनाक्रम में कनाडाई अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी एक वरिष्ठ अधिकारी ने कनाडा में आपराधिक गतिविधियों को समर्थन दिया है. यह आरोप खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़े विवाद के बीच उभरकर आया है.
कनाडा के मंत्री का बड़ा दावा
कनाडा के विदेश मामलों के उप मंत्री डेविड मॉरिसन ने एक संसदीय समिति के समक्ष कहा कि भारतीय सरकार से जुड़े एक अधिकारी ने कनाडा में डराने-धमकाने और हिंसा फैलाने के लिए एक अभियान को अधिकृत किया. यह बयान सार्वजनिक सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के सामने गवाही के दौरान दिया गया.
कनाडाई पुलिस के आरोप
कनाडाई पुलिस के आयुक्त माइक डुहेम ने भी इस मामले पर गवाही देते हुए दावा किया कि भारतीय राजनयिकों और वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों ने भारत सरकार के लिए जानकारी एकत्रित की, जिसका उपयोग आपराधिक संगठनों को निर्देश देने में किया गया.
खालिस्तान समर्थक आंदोलन और बढ़ते खतरों पर रिपोर्ट
कनाडाई पुलिस ने यह भी कहा कि सिख समुदाय, विशेषकर खालिस्तान समर्थक आंदोलन से जुड़े लोगों को विश्वसनीय और आसन्न खतरों का सामना करना पड़ रहा है. पुलिस के अनुसार, भारतीय दूतावास से जुड़े लोग हिंसा के इन कथित प्रयासों में शामिल रहे हैं.
भारत का रुख
भारत ने इन आरोपों का कड़ा खंडन किया है और कनाडा पर बिना सबूत आरोप लगाने का आरोप लगाया है. पहले भी भारत ने स्पष्ट किया था कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में उसकी कोई भूमिका नहीं है और कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर गंभीर चिंताएं व्यक्त की थीं.
कूटनीतिक संबंधों में गिरावट
इस विवाद के चलते दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों में खटास बढ़ गई है. भारत ने अपने कुछ अधिकारियों को वापस बुला लिया है, जबकि कनाडा ने भी अपने उच्चायुक्तों को सस्पेंड कर दिया है.
यह घटना भारत और कनाडा के संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है, जिससे दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण कूटनीतिक रिश्तों पर और असर पड़ने की आशंका है.