भारत के बाद चीन ने भी ठुकराया डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता का प्रस्ताव, कहा- तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की जरुरत नहीं

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान (Zhao Lijian) ने अमेरिका के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते कहा, दोनों देश मौजूदा सैन्य गतिरोध सुलझाने के लिए तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप नहीं चाहते हैं.

डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग (Photo Credits: getty)

बीजिंग: भारत-चीन सीमा विवाद (India-China Border Tension)  को लेकर अमेरिका की मध्यस्थता का प्रस्ताव भारत के बाद अब चीन (China) ने भी ठुकरा दिया है. चीन ने भारत के साथ सीमा संबंधी मौजूदा गतिरोध को समाप्त करने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के मध्यस्थता के प्रस्ताव को शुक्रवार को खारिज कर दिया. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान (Zhao Lijian) ने अमेरिका के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते कहा, दोनों देश मौजूदा सैन्य गतिरोध सुलझाने के लिए तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप नहीं चाहते हैं.

झाओ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में ट्रंप के प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर कहा, "चीन और भारत के बीच सीमा संबंधी तंत्र और संवाद माध्यम हैं." उन्होंने कहा, "हम बातचीत और विचार-विमर्श के जरिए समस्याओं को उचित तरीके से सुलझाने में सक्षम हैं. हमें तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है." यह भी पढ़ें- भारत-चीन सीमा विवाद: डोनाल्ड ट्रंप के दावों को नई दिल्ली ने किया खारिज, कहा- पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच 4 अप्रैल को आखिरी बार हुई थी बातचीत.

बता दें कि भारत और चीन के बीच जारी सीमा गतिरोध को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान सवाल खड़े हो गए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत-चीन के बीच मध्यस्थता की इच्छा जताई, इतनी ही नहीं डोनाल्ड ट्रंप ने यह तक दावा किया कि उन्होंने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और पीएम मोदी इसे लेकर अच्छे मूड में नहीं हैं.

ट्रंप ने भारत और चीन के बीच सीमा विवाद में मध्यस्थता की पेशकश करते हुए कहा था कि वह दोनों पड़ोसी देशों की सेनाओं के बीच जारी गतिरोध के दौरान तनाव कम करने के लिए तैयार, इच्छुक और सक्षम हैं. हालांकि ट्रंप की इस पेशकश को भारत और चीन दोनों ठुकरा चुके हैं.

भारत ने ट्रंप के दावे को खारिज करते हुए कहा, पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हाल ही में कोई संपर्क नहीं हुआ है. उनके बीच अंतिम बातचीत 4 अप्रैल, 2020 को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के विषय पर हुई थी.

इससे पहले, विदेश मंत्रालय (MEA) ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि इस मुद्दे को लेकर सीधे तौर पर चीन के संपर्क में हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय सैनिक मुद्दे को सुलझाने के लिए चीन के साथ हुए द्विपक्षीय समझौतों के तहत निर्धारित प्रक्रियाओं का कठोरता से पालन कर रहे हैं.

Share Now

\