नई दिल्ली, 12 नवंबर : पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हत्या के प्रयास पर पाकिस्तान की संघीय सरकार को सौंपी गई एक खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया कि यह हमला किसी साजिश के तहत नहीं किया गया था. द न्यूज ने बताया, रिपोर्ट में कहा गया है कि रैली में कुछ अज्ञात लोगों द्वारा पिस्तौल से गोलियां चलाने के बाद एसएमजी फायर किया गया. इसमें कहा गया है कि हमलावर के किसी अन्य सहयोगी का अब तक पता नहीं चला है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया कि हमले में एकमात्र मृतक के सिर पर घाव जाहिर तौर पर राइफल प्रोजेक्टाइल के कारण हुआ था और यह 30 बोर या 9 एमएम पिस्टल फायर के कारण नहीं था. सीटीडी फोरेंसिक टीम के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया है, आठ गोलियां कंटेनर के ऊपर लगीं, छह गोली के छेद पाए गए, जबकि दो गोलियां कंटेनर की दीवार को पार कर गईं. रिपोर्ट में कहा गया है कि एक हमलावर ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान और अन्य नेताओं को ले जा रहे कंटेनर पर गोलियां चलाईं. हादसे में इमरान खान समेत 13 लोग घायल हो गए, जबकि एक की मौके पर ही मौत हो गई. मीडिया आउटलेट ने बताया कि हमलावर मोहम्मद नवीद को अपराध स्थल से रंगे हाथ पकड़ा गया था.
रिपोर्ट में कहा गया है, अब तक उपलब्ध जानकारी के आधार पर आकलन के अनुसार, वह एक सेल्फ-मोटिवेटिड व्यक्ति था. पूछताछकर्ताओं के अनुसार, गिरफ्तारी के बाद भी हमलावर के व्यवहार में कोई पछतावा नहीं था. वह अभी भी दावा करता है कि अगर उसे रिहा किया गया, तो वह इमरान को मार डालेगा. हमलावर के पास 9 एमएम की ऑटोमेटिक पिस्टल थी. हमलावर ने कंटेनर की ओर शॉट लगाए और एक ही बार में लगभग सभी राउंड खाली कर दिए. कथित तौर पर, 9 मिमी के 12 खाली और दो एसएमजी के अपराध स्थल से एकत्र किए गए हैं. गिरफ्तार करने पर उसके पास से दो मैगजीन और 13 जिंदा कारतूस भी बरामद हुए है. हमलावर लगभग आठ साल तक सऊदी अरब में रहा और फरवरी में पाकिस्तान लौट आया. यह भी पढ़ें : भारत और आसियान देशों ने आतकंवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया
कथित तौर पर, वह एक ड्रग एडिक्ट है. उसने कक्षा 3 तक स्कूल में पढ़ाई की और कोई औपचारिक धार्मिक शिक्षा ग्रहण नहीं की थी. मीडिया आउटलेट ने खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि उसका या उसके परिवार का कोई राजनीतिक जुड़ाव नहीं है. रिपोर्ट में कहा गया है, अब तक मिली जानकारी से पता चलता है कि घटना किसी साजिश के तहत नहीं हुई थी. न तो जांच और न ही किसी जानकारी से हमलावर के किसी भी साथी का पता चल पाया है. वीडियो में हमलावर अकेला था. वह कथित रूप से धार्मिक अतिवाद के कारण प्रेरित था. इमरान ने कहा, जिस तरह से वह बात कर रहा था, उससे लग रहा था कि वह तोते की तरह वही दोहरा रहा है, जो उसे सिखाया गया था. उन्होंने कहा कि अलग-अलग तरह के गोला-बारूद की बरामदगी और अलग-अलग दिशाओं से गोलियां चलीं, यह साबित करता है कि संदिग्ध अकेला नहीं था.
अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की पूर्व राजदूत मलीहा लोधी ने डॉन में लिखते हुए कहा कि खान के काफिले पर हमले के पीछे कौन था और इससे किसे फायदा होगा, इस बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं. कुछ लोगों का मानना है कि हमला एक अकेले हमलावर ने किया था. पीटीआई नेताओं का कहना है कि एक से अधिक गनमैन थे. लोधी ने कहा कि वजीराबाद की स्थानीय पुलिस द्वारा जारी हमलावर का इकबालिया वीडियो ने रहस्य को बढ़ा दिया. पक्षपातपूर्ण साजिश के सिद्धांतों के साथ बड़े पैमाने पर चल रहे जानलेवा प्रयास की प्रतिक्रिया को निर्धारित किया गया. पंजाब सरकार ने इस घटना से निपटने में अक्षमता से मामले को बदतर बना दिया है.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, देश के आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह खान ने पीटीआई प्रमुख और पूर्व प्रधान मंत्री इमरान को यह साबित करने के लिए चुनौती दी कि उन्हें चार गोलियां लगी हैं, अगर वह ऐसा करने में कामयाब रहे तो वह हमेशा के लिए राजनीति छोड़ देंगे. इमरान को गुरुवार शाम उस समय गोली मार दी गई थी, जब पीटीआई प्रमुख अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे. इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि पीटीआई के कई नेता घायल हो गए. शूटिंग के तुरंत बाद, इमरान को लाहौर के शौकत खानम मेमोरियल कैंसर अस्पताल (एसकेएमसीएच) ले जाया गया. अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉक्टर फैसल सुल्तान ने कहा कि पीटीआई प्रमुख के पैर में चार गोलियां लगी हैं.
तलत मसूद ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून में लिखा है कि इस संभावना से इंकार करना मूर्खता होगी कि पाकिस्तान को नुकसान पहुंचाने पर केंद्रित बाहरी तत्व, खान पर हत्या के प्रयास में शामिल हो सकते हैं. जैसी कि घटनाएं सामने आई हैं, चाहे उनकी भागीदारी हो या न हो, वे स्पष्ट रूप से इसके प्रमुख लाभार्थियों में से एक हैं. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पीटीआई के लॉन्ग मार्च पर हुए हमले की पुलिस जांच से पता चला है कि संदिग्ध नवीद नशे का आदी है और घटना के संबंध में उसके बयान 'संदिग्ध' हैं. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने गुरुवार को वजीराबाद में पीटीआई प्रमुख इमरान खान के कंटेनर पर गोलियां चलाने की बात स्वीकार की. पुलिस को दिए बयान में आरोपी ने कहा कि उसने वजीराबाद के वकास नाम के शख्स से पिस्तौल समेत 26 गोलियां खरीदीं.
पुलिस सूत्रों ने कहा कि अधिक जानकारी हासिल करने के लिए आरोपी का पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया जा सकता है. सूत्रों ने कहा कि आरोपियों के परिवार के सदस्यों को भी हिरासत में लिया गया है, जबकि घटनास्थल से कारतूस बरामद किए गए हैं, जिन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (सीटीडी) सहित प्रमुख जांच एजेंसियों के साथ पूछताछ के दौरान, आरोपी ने खुलासा किया कि पहले उसने मस्जिद की छत से पीटीआई प्रमुख पर हमला करने की कोशिश की थी, लेकिन नमाज के कारण वह हमला नहीं कर पाया था.